‘पहले पढ़ाई, फिर विदाई’ ,छात्रा ने रोकवा दिया अपना बाल-विवाह
15 साल की लड़की ने दिखाई दिलेरी, मां-बाप से बगावत कर इस तरह रुकवायी शादी
सिटी पोस्ट लाइव : नौवीं की कक्षा की छात्रा नीतीश कुमार के बाल-विवाह के खिलाफ चलाई जा रही मुहीम की सबसे बड़ा ब्रांड एम्बेसडर बनकर उभरी है. इस छात्रा ने जिस तरह से अपने बाल-विवाह का विरोध किया है, वह सबको हैरान कर देनेवाला है. इस छात्रा ने अपने बाल विवाह का जमकर विरोध करते हुए माता-पिता के फैसले के खिलाफ बगावत कर दी. उसके घर लगन-पान लेकर पहुंचे वर पक्ष को बैरंग लौटा दिया . ‘पहले पढ़ाई, फिर विदाई’, के नारे का अर्थ समझाते हुए उसने शादी से इंकार कर दिया .
इतना ही नहीं, अपनी शादी रुकवाने के लिए वह बिहटा थाने में पहुंच गई .थाना प्रभारी से गुहार लगाई. थानाध्यक्ष रंजीत कुमार सिंह ने छात्रा के माता-पिता सहित अन्य सगे-संबंधियों के साथ बैठक कर बाल विवाह से होने वाले नुकसान और कानूनी पहलू को समझाया .छात्र बाल विवाह से बच गई. बिहटा के श्रीरामपुर टोला की 15 वर्षीया खूशबू मध्य विद्यालय में कक्षा नौ की छात्रा है. छात्रा का विवाह तीन दिन बाद 20 जुलाई को भोजपुर के बखोरापुर स्थित माता मंदिर में होना तय था. मंगलवार को पान लगन के कार्यक्रम में वर पक्ष और सगे-संबंधी लड़की के घर पहुंचे थे.लेकिन तबतक पुलिस पहुँच गई. बाद में पता चला कि अपने बाल विवाह को रोकने के लिए इस छात्रा ने ही पुलिस को खबर कर दिया था.
थाना प्रभारी रंजीत कुमार सिंह ने घर पहुंचकर शादी की रस्म को रोकवा दिया. बाल विवाह पर रोक लगवाते हुए उन्होंने परिजनों से बाल विवाह नहीं करने का बांड भरवाया. थाना प्रभारी ने बताया कि बाल विवाह के खिलाफ छात्रा ने जो साहस दिखाया है , वह सराहनीय है. अपनी जान को जोखिम में डालकर उसने विरोध किया. पढऩे की ललक में बाल-विवाह का विरोध करने की राह पर चलनेवाली इस छात्रा का कहना है कि अभी उसे पढ़ाई करनी है एवं कुछ मुकाम हासिल करना है. उसकी मर्जी के बगैर परिजनों ने शादी तय कर दी थी, जबकि वह पढऩा चाहती है.वाल-विवाह के विरोध की प्रेणना उसे कहाँ से मिली, वह बताती है कि स्कूल में भी ‘पहले पढ़ाई, फिर विदाई’ के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता है.इसी से प्राभावित होकर उसने शादी से पूर्व पढ़ाई करने एवं कुछ करने की ठान ली ..
Comments are closed.