सिटी पोस्ट लाइव : पटना में व्यापार के क्षेत्र में कम समय में ज्यादा नाम कमानेवाले कई व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के मालिक रंजीत सिंह खनूजा ने आत्महत्या कर ली है. उनका शव फंदे से लटका मिला है. पटना के बहादुरपुर स्थित पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गुमटी के पास साईं कारनेशन अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 102 में इस बड़े कारोबारी की लाश मिली है. परिजनों की मानें तो पिछले कुछ दिनों से वो अवसाद में चल रहे थे. वो दवा भी खा रहे थे.
प्रथम दृष्टया इसे आत्महत्या मान कर पुलिस इस पूरे मामले में जांच कर रही है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार उनके गले में धोती का फंदा पड़ा था और वह पंखे के हुक से झूले पाए गए थे. घटना के पीछे बीमारी और पारिवारिक कलह को लेकर अवसाद ग्रस्त होने को बड़ा कारण माना जा रहा है. रविवार की देर रात तक इस मामले में किसी तरह का कोई आवेदन पत्रकार नगर थाने में परिजनों द्वारा नहीं दिया गया था और नहीं मौत के पीछे किसी पर कोई आरोप लगाए गए हैं. रंजीत सिंह खनूजा पटना के ही गोविंद मित्र रोड के खनूजा हाउस में अपने परिवार के साथ रहते थे. वह प्रतिष्ठित कारोबारी हरबंस सिंह खनूजा के बेटे थे. उनकी गिनती पटना के करोड़पति कारोबारियों में होती है. पटना के न्यू पंजाब टेंट हाउस, घर आंगन रेस्टोरेंट कुर्जी मोड़, गया-पटना रोड स्थित मैरेज गार्डन, गोविंद मित्रा रोड में गर्ल्स हॉस्टल जैसे प्रतिष्ठानों के वो मालिक थे.
रोज की तरह रंजीत सिंह खनूजा सुबह 10 बजे अपने आवाज खनूजा हाउस रोड से निकले थे. शाम को बहादुरपुर स्थित अपार्टमेंट के फ्लैट में पहुंचे थे. वहां उनका कार्यालय और रेस्ट हाउस भी था. यहां हर दिन उनका आना-जाना लगा रहता था. पुलिस के मुताबिक घर से बाहर होने पर पत्नी डिंपल हालचाल लेती रहती थीं. शाम होने से पहले कई बार उनकी बात भी पति से हुई लेकिन जब फोन करने पर पति ने कोई रिस्पांस नहीं दिया तब उनकी पत्नी ने ड्राइवर को फोन किया.ड्राइवर जब अपार्टमेंट के कमरे में गया तब दरवाजा बंद देखा तब दरवाजा तोड़ने पर खनूजा की लाश फंदे से लटकी मिली. रंजीत सिंह खनूजा उर्फ पिंकी बीमार होने के 4 दिनों से घर से बाहर नहीं निकले थे. उनकी दवा लगातार चल रही थी.
पटना के बड़े कारोबारियों में शामिल रंजीत सिंह खनूजा की मौत की खबर सुनकर व्यवसायी जगत में शोक की लहर फैल गई. काफी संख्या में राजनेता और बड़े-बड़े कारोबारी उनके आवास पर पहुंच गए. घटना के बाद से पत्नी के विलाप सारे लोग दुखी दिखे. पिंकी के दोनों बेटे यश खनूजा और देव खनूजा गहरे सदमे में डूबे थे. पिता की मौत के बाद छोटा बेटा बेंगलुरु से पटना पहुंचा तब पिंकी खनूजा का पार्थिक शरीर गुरुद्वारा ले जाया गया और वहां से अंतिम संस्कार के लिए सभी गुलबी घाट रवाना हो गए.
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