‘सुशासन’ में अपराधियों के निशाने पर हैं ‘सफेदपोश’, 7 माह में दस की हुई हत्या
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में अपराध को बढ़ावा देनेवाले नेता ही अपराध के सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं. लूट, अपहरण की वारदातों से ज्यादा हत्या की वारदातें हो रही हैं. सबसे ख़ास बात ये हत्याएं आम लोगों की नहीं बल्कि सफेदपोश लोगों की हो रही है. एक बार फिर से सफेदपोश अपराधियों के निशाने पर हैं. गुरुवार की सुबह अपराधियों ने समस्तीपुर में राजद नेता को अहले सुबह ही गोलियों से भून दिया. जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष और राजद के कद्दावर नेता रघुवर राय को उस वक्त गोली मारी गई जब वो मॉर्निंग वॉक पर जाने की तैयारी में थे. गोली लगने के बाद उनको अस्पताल में ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद से बिहार में फिर से राजनीति तेज हो गई है और नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट कर सीएम नीतीश कुमार को नसीहत दी है.
राज्य में लगातार गिर रही कानून-व्यवस्था के बीच ये पहला मामला नहीं जब किसी सफेदपोश को सरेआम गोलियों से छलनी किया गया हो. सूबे में व्यवसायी, ठेकेदार, नौकरीशुदा हों या फिर सफेदपोश और राजनीति से जुड़े लोग सभी बिहार में अपराधियों के कहर का शिकार हो रहे हैं. हत्या से जुड़े इन मामलों को ध्यान से देखें तो मृतकों में से अधिकांश महागठबंधन यानि राजद और रालोसपा के नेता रहे हैं. नेताओं के हत्या की शुरूआत साल 2018 में पटना से हुई थी. जब 12 मई को राजद नेता दीनानाथ सहनी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसी साल 6 जुलाई को नवादा में राजद नेता कैलाश पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी.16 जुलाई को सीवान में रालोसपा के संजय साह को अपराधियों ने गोली से छलनी कर दिया. अगस्त महीने की 13 तारीख को वैशाली में रासोलपा के ही मनीष सहनी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इन दोनों पार्टी के नेताओं के अलावा अपराधियों ने अन्य पार्टी के नेताओं को भी अपनी गोलियों का निशाना बनाया है. इस घटना को लेकर प्रदेश की राजनीति में उबाल ही आया था कि पटना में ही 14 नवंबर को रालोसपा के नेता अमित भूषण की गोली मारकर हत्या कर दी गई. नवंबर में ही 30 तारीख को प्रमोद कुशवाहा की हत्या कर दी गई वो रालोसपा के पू्र्वी चंपारण के नेता थे.
अगस्त महीने की 27 तारीख को भोजपुर में माले नेता रमाकांत राम की गोली मारकर हत्या की गई तो 14 सितंबर को गोपालगंज में जेडीयू के नेता उपेन्द्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. बिहार के ही मुजफ्फरपुर में वहां के पूर्व मेयर समीर कुमार जो कि कांग्रेस के नेता भी थे कि 24 सितंबर को गोली मारकर हत्या कर दी. अपराधियों की गोली का शिकार बने नेताओं की लिस्ट काफी काफी लंबी है जिसमें नया नाम समस्तीपुर के राजद नेता रघुवर राय का जुड़ गया है.सवाल बहुत बड़ा है आखिर सफेदपोश लोग ही अपराधियों के निशाने पर क्यों हैं. इसके पीछे कोई बड़ी राजनीतिक साजिश है या फिर राजनीति के अपराधीकरण का ये नतीजा है. वैसे तेजस्वी यादव सरकार की शह पर विरोधी दलों के नेताओं की हत्याएं करवाए जाने का गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
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