सहरसा सिटी पोस्ट लाइव स्पेशल : 20 जुलाई को दबंग विधायक के गुंडा बेटे की काली करतूत पर जब राज्य शासन और प्रशासन तल्ख हुआ तो उसपर 25 जुलाई को एफआईआर दर्ज हुआ लेकिन अभीतक पुलिस उसको दबोचने में कामयाब नहीं हो सकी है. चूंकि इस हाईप्रोफाईल मामले में पुलिस अधिकारियों के हाथ और पांव पहले से कांप रहे थे इसलिए कयास ये लगाया जा रहा है कि आरोपी के विधायक पिता और राजद के अन्य बड़े नेताओं के हस्तक्षेप से कहीं इस मामले की लीपा-पोती तो नहीं हो जाएगी.
आखिर क्या वजह है कि टूटू यादव की अभीतक गिरफ्तारी नहीं हुई है ?हांलांकि पुलिस के बड़े अधिकारी विधायक के पैतृक गाँव आरण सहरसा और जिला मुख्यालय के पंचवटी चौक स्थित आरण हाउस में लगातार छापामारी की बात कर रहे हैं. लेकिन टूटू उनकी पकड़ में नहीं आ रहा है. बड़ा सवाल यह है कि टूटू को जमीन निगल गयी,या फिर आसमान निगल गया.आखिर टूटू कहाँ छुपा हुआ है ?पुलिस के तंत्र इतने कमजोर क्यों हैं ?पीड़िता मीरा देवी की स्थिति अभी खतरे से बाहर है लेकिन विधायक परिवार के डर से उसे अपनी जिंदगी खतरे में दिख रही है.मामला बेहद गंभीर है. राज्य प्रशासन के साथ–साथ शासन भी इस मामले में गम्भीर और तल्ख है.आपको यह बताना बेहद जरूरी है कि अमूमन ऐसे मामले में ग्राम्य पंचायत ही अंतिम फैसला देती है .
गाँव में ऐसी दबंगई आम बात है.जो खुद के महादलित के बड़े हिमायती होने की वकालत करते हैं,वे महादलितों का अधिक से अधिक शोषण करते हैं. इस मामले में एक बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि अगर सप्ताह भर के भीतर टूटू यादव की गिरफ्तारी नहीं होती है,तो क्या पुलिस के बड़े अधिकारी कोर्ट से उसके खिलाफ कुर्की-जब्ती का आदेश लेंगे ?क्या इतनी हिम्मत पुलिस अधिकारी जुटा पाएंगे ?सहरसा जिला मुख्यालय कोसी प्रमंडल का भी मुख्यालय है.यहां डीआईजी भी बैठते हैं. ऐसे में अब लोगों की निगाहें एसपी राकेश कुमार और डीआईजी सुरेश प्रसाद चौधरी पर टिकी है. हम इस मामले में विधायक अरुण कुमार यादव की भी प्रतिक्रिया लेना चाहे लेकिन अभी हम उन्हें कुनैन की गोली नजर आ रहे हैं .अभी वे हमसे मिलना तक नहीं चाह रहे हैं. हमारी समझ से कानून सबके लिए बराबर है.इसलिए विधायक पुत्र को उसकी गुंडई की सजा जरूर मिलनी चाहिए.
सहरसा से पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट
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