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रोहतास डीएम के खिलाफ जारी हो गया वारंट, लगा है गंभीर आरोप

तत्कालीन डीएम किशनगंज पंकज दीक्षित पर लगा है जाती सूचक शब्द इस्तेमाल करने का आरोप

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सिटी पोस्ट लाईव : डीएम ,एसपी रैंक के अधिकारी अपने नीचे काम करनेवाले अधिकारियों से सावधान ! अगर आपने  अपने कनीय अधिकारियों की जात जाने बिना उनके साथ कड़ा व्यवहार किया तो, आपको जाति -सूचक शब्द इस्तेमाल करने के मामले में जेल जाना पड़ सकता है. रोहतास जिले के जिलाधिकारी तैनात पंकज दीक्षित के साथ ऐसा ही हुआ है. उनके खिलाफ एक ऐसे ही मामले में  वारंट जारी हो गया है . वर्तमान में रोहतास में जिलाधिकारी के पद पर तैनात पंकज दीक्षित के किशनगंज में पदस्थापन के दौरान ,जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार सुमन द्वारा  कार्यालय में दुर्व्यवहार करने और जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने इसकी लिखित शिकायत पुलिस में की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने स्थानीय अदालत में इसको लेकर गुहार लगायी थी. उस मामले में रोहतास डीएम पंकज दीक्षित के विरुद्ध न्यायालय ने वारंट जारी कर दिया है. यह वारंट अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सत्येंद्र पांडे के न्यायालय से विशेष वाद संख्या 57/2017 के माध्यम से निर्गत किया गया है.

जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार सुधांशू ने डीएम पंकज दीक्षित के विरूद्ध दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि वे संचिका पर विचार विमर्श के लिए बुलाये थे. यहां उन्होंने जाति सूचक और अपशव्ब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें डांट-फटकार लगाई और बेइज्जत कर भगा दिया.जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सुधांशू ने इस घटना के संबंध में अनुसूचित जाति/ जनजाति थाना किशनगंज में लिखित सूचना दिया. परंतु थानाध्यक्ष ने ऐसा करने से यह कहकर मन कर दिया था कि  पुलिस अधीक्षक से बात करने के बाद ही प्राथमिकी दर्ज करेगें . इसके बाद वो कोर्ट की शरण में चले गए .कोर्ट ने इस  मामले में संज्ञान लेते हुए अभियुक्त पंकज दीक्षित के विरुद्ध सम्मन जारी कर दिया . अब डीएम साहब की मुसीबत बढ़ गई है .उन्हें कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा या फिर इस मामले में जमानत लेनी पड़ेगी .

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