City Post Live
NEWS 24x7

कानून के फंदे में फंसे वर्दीवाले गुंडे, लूटपाट-अपहरण का लगा था आरोप

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के 8 अधिकारी चोरी, फिरौती और अपहरणकांड के पाए गए हैं दोषी.

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव : गया जिले के बाराचट्टी थाना में अक्टूबर 2015 में दर्ज कांड 448/15 में पुलिस ने अपनी जांच में एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) के आठ अधिकारियों– कर्मचारियों को दोषी पाया है. इनके खिलाफ नारकोटिक्स विभाग से अनुमति मिलने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इन आठ में से पांच जमानत पर हैं जबकि तीन अभी फरार हैं. इनके खिलाफ कुर्की जब्ती की प्रकिया शुरू की गयी है. इस कांड की जांच स्थानीय एसआई सुधीर कुमार सिंह द्वारा और पर्यवेक्षण कार्य वरीय अधिकारियों द्वारा किया गया.

इस पूरी घटना को एनसीबी के अधिकारियों एवं सिपाहियों की मिलभगत से अंजाम दिए जाने की बात सामने आई. इसमें तीन लोगों का अपहरण करने के बाद 15 लाख की राशि की वसूली के बाद तेजेन्द्र सिंह और बलिन्द्र सिंह को छोड़ दिया गया. जबकि उनके कर्मचारी मंगा सिंह को फर्जी केस बनाकर जेल भेज दिया गया.

गया के एसएसपी राजीव मिश्रा (SSP Rajiv Mishra) ने कहा कि इस मामले में सिटी एसपी राकेश कुमार द्वारा मामले की निगरानी की जा रही है और विधि सम्मत आगे की कार्रवाई की जा रही है.इस मामले की जांच कर रहे सिटी एसपी राकेश कुमार ने कहा कि इस मामले में कुल 11 आरोपी हैं. इनमें से 8 नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो झारखंड से जुड़े अधिकारी हैं. इसलिए इनके खिलाफ केस को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित विभाग से वरीय अधिकारियों से अनुमति लेनी जरूरी थी. इस अनुमति की प्रकिया की वजह से केस में समय लगा है पर अभी काफी तेज गति से इसपर काम किया जा रहा है.

दरअसल बाराचट्टी के काहूदाग निवासी कौशल्या देवी ने एक लिखित शिकायत दी थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि 6 अक्टूबर 2015 को लाल बत्ती लगी गाड़ी से आये 8-9 अपराधियों द्वारा घर में घुसकर गाली-गलौज कर पैसा, गहना नगद रूपया, पासबुक, पहचान पत्र , पैन कार्ड, चेकबुक लेकर जबरदस्ती ले लिया गया. उनकी बोलेरो गाड़ी की चाबी लेकर होटल मालिक तजेन्द्र सिंह, उनके साला बलिन्द्र सिंह एवं एक कर्मचारी मंगा सिंह का अपहरण कर चल गये.इस मामले पर डीएम अभिषेक सिंह ने नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड के महानिदेशक को पत्र भेजकर सभी आरोपी के खिलाफ अभियोजन के लिए स्वीकृति देने की अनुशंसा की थी. इसमें सभी आरोपी का नाम और एसएसपी द्वारा जांच रिपोर्ट की कॉपी भेजी गयी थी.

एसएसपी की रिपोर्ट में कांड संख्या 448/15 धारा 452, 386 , 395, 364, 504, 34 के तहत अप्राथमिक अभियुक्त एनसीबी झारखंड के सब जोन रांची के पदाधिकारियों का नाम इस प्रकार  हैं -प्राथमिक अभियुक्त एनसीबी रांची सबजोन के शैलेंद्र प्रसाद, मनोज कुमार चौहान, मनीष मोदी उर्फ बिट्टू. (ये तीनों इंटेलिजेंस ऑफिसर हैं) सुधीर नायक, रासबिहारी कुमार, सोनल कुमार, देवाशीष चौधरी, तत्कालीन सुपरिटेंडेंट एनसीबी रांची,प्राथमिक अभियुक्त एनसीबी रांची सबजोन के शैलेंद्र प्रसाद, मनोज कुमार चौहान, मनीष मोदी उर्फ बिट्टू। (तीनों इंटेलिजेंस ऑफिसर) सुधीर नायक, रासबिहारी कुमार, सोनल कुमार, देवाशीष चौधरी, तत्कालीन सुपरिटेंडेंट एनसीबी रांची हैं.

गया एसएसपी की जांच में एनसीबी के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलभगत से घर से लूटपाट करने, फिर तीन लोगों का अपहरण करने, खाता पर 15 लाख की फिरौती लेने के बाद दो अपहृत को छोड़ने और एक कर्मचारी को फर्जी केस में जेल भेजने का खुलासा करने पर एनसीबी में हड़कंप है. एनसीबी मुख्यालय ने विशेष दल भेजकर बाराचट्टी में अपने स्तर से जांच करवा रही  है.इस टीम ने बाराचट्टी पहुंचकर शिकायतकर्ता कौशल्या देवी से भी पूछताछ की है.

एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि संबंधित एजेंसी के जांच के बारे में वे कुछ नहीं कर सकते हैं पर पुलिस जांच में आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और वे लोग अपनी जांच को आगे बढा रहे हैं. 8 में से 5 आरोपी जमानत पर हैं, जबकि 3 फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विधि सम्मत कदम उठाये जा रहे हैं. पुलिस को 15 लाख की राशि पीड़ित परिवार द्वारा आरोपी के खाता में भेजने का प्रमाण मिला है. घटना के दिन बरही में संबंधित अधिकारियों के लाल बत्ती लगी गाड़ियों के आने-जाने का सीसीटीवी फुटेज मिल गया है. शिकायकर्ता द्वारा बताये गयी बोलेरों गाड़ी को एनसीबी ने मंगा सिंह की गिरफ्तारी के साथ जब्ती सूची में दर्ज की हुई है. अप्राथमिक अभियुक्त का वर्दी और फोटो भी मिला है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि आरोपी के खिलाफ जल्द कार्रवाई होगी और पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा.

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

Comments are closed.