प्ले बॉय बनाने का लालच देकर चल रहा था ठगी का धंधा.
पटना में फर्जी वेबसाइट से चल रहे ठगी के रैकेट का भंडाफोड़, अमीर महिलाओं से दोस्ती का झांसा.
सिटी पोस्ट लाइव :अमीर महिलाओं के साथ मौज मस्ती कराने और मोती कमाई करने का लालच देकर बिहार के युवकों को फांसा जा रहा है. पुलिस ने एक ऐसे ही सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है. फर्जी वेबसाइट बनाकर युवाओं को प्ले बॉय बनाने के नाम पर ठगी की जाती थी. रजिस्ट्रेशन फी और एडवांस में होटल चार्ज के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा तब हुआ जब पटना में पत्रकार नगर पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया. पुलिस का कहना है कि इस गिरोह का सरगना अर्पित कुमार है. अर्पित ही फर्जी वेबसाइट बनाता था और फिर लड़की की तस्वीर लगाकर फेक प्रोफाइल अपलोड करता था. इसके बाद दूसरे बिहार सहित दूसरे राज्यों के लड़कों को प्ले बॉय बनाने के लिए संपर्क नंबर भी देता था. अर्पित मूल रूप नवादा जिले के वारसलीगंज का रहने बताया जा रहा है.
मंगलवार को पत्रकारगनर थाने की पुलिस ने अर्पित के दो साथियों वारसलीगंज निवासी निशांत कुमार और अविनाश कुमार को वाहन चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया था. इनकी निशानदेही पर पुलिस अर्पित की तलाश में छापेमारी करती रही. बताया जा रहा है कि पिछले दो साल में अर्पित और उसके गिरोह ने दो सौ से अधिक युवकों से ठगी की है. इनके पास से मिले मोबाइल में हर महीने 30 से 40 ट्रांजेक्शन के सबूत मिले हैं. एक युवक से यह गिरोह से 30 से 40 हजार रुपये की ठगी करता रहा है.
अविनाश और निशांत दोनों स्नातक है. दोनों अर्पित के संपर्क में पिछले करीब दो साल से है और राजधानी पटना में ही है. बाइपास से से रामकृष्णानगर स्थित किराए का एक कमरा भी ले रखे थे. पूछताछ में दोनों ने पुलिस को बताया कि अर्पित प्रोफाइल बनाने के लिए दस से अधिक मोबाइल रखता है. लड़की की तस्वीर लगाकर प्रोफाइल बनाने के कुछ देर बाद ही दो सौ से तीन सौ फ्रेंड रिक्वेस्ट तुरंत आने लगते थे.दिए गए नंबर पर जब लोग संपर्क करते थे तो झांसा देने के लिए दिल्ली, मुंबई सहित अन्य महानगरों की महिलाओं से उसका संपर्क होने की बात कहता था.
झांसे में आने वाले युवकों को बताता था कि एक अमीर महिला से तुम्हारी दोस्ती करानी है. इसके लिए तुम्हें ब्लड ग्रुप, आधार कार्ड के साथ तस्वीर देनी है. तुम्हें केवल एक बार रजिस्ट्रेशन फीस और होटल चार्ज देना है, लेकिन इसके बाद आपसे कोई खर्च वसूल नहीं किया जाएगा.झांसे में आने वाले युवकों से फर्जी सिम पर बातचीत की जाती थी. फोन पर बात करने के लिए बंगाल से फर्जी आइडी परओर 15 से 20 हजार रुपये जमाकर प्रति सिम कार्ड कुरियर से मंगायवा जाता था. दो से तीन युवकों से ठगी के बाद वह सिमकार्ड तोड़कर फेंक देता था. पुलिस अब इनके बैंक अकाउंट को भी खंगालने लगी हुई है.
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