बालिका गृहकांड : सुप्रीम कोर्ट ने किया यूपी-बिहार सरकार तल्ख़ टिपण्णी
मुजफ्फरपुर महापाप: सुप्रीम कोर्ट का बिहार सरकार पर तंज, हम समझते हैं डेटा नहीं देने का मतलब
सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर बालिका गृह महा-रेपकांड को लेकर हर कोई शर्मसार है. मुजफ्फरपुर के बाद यूपी से भी ऐसा ही मामला सामने आने के बाद अब तो पूरे देश में बालिका गृह में रह रही बेटियों की सुरक्षा की चिंता हर किसी को सताने लगी है. केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने तो पुरे देश के बाल गृहों की जांच कर दो महीने के अन्दर रिपोर्ट देने का निर्देश दे दिया है. बिहार और यूपी के मामले पर पटना हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान ले चूका है. मुजफ्फरपुर बालिका गृह की 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगायी है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए तल्ख़ टिपण्णी करते हुए पूछा कि देश में यह सब क्या हो रहा है? दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और यूपी सरकार से शेल्टर होम के रिकॉर्ड की मांग की थी. लेकिन न तो बिहार सरकार की ओर से रिकॉर्ड उपलब्ध कराये गये और न ही यूपी सरकार ने कोई रिकॉर्ड उपलब्ध कराया .
सुप्रीम कोर्ट में जब केंद्र से यह पूछा गया कि इस पर कैसे रोक लगाई जाए, तो इस पर केंद्र की ओर से कहा गया कि बिहार सरकार की ओर से अभी तो सारे रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. कुछ ऐसी ही स्थिति यूपी सरकार की है. इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने तंज कसते हुए कहा कि हम समझ सकते हैं कि दोनों राज्य क्यों जानकारी छुपा रहे हैं? कोर्ट ने कहा कि उसकी समझ में अब यह बात आने लगी है कि जिन राज्यों में इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं, वहां की सरकारें भला कैसे इसका डेटा दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अब केंद्र सरकार से देश भर के सारे शेल्टर होम की जानकारी मांगी है.
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