सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में हुये हजारो करोड़ के बहुचर्चित सृजन घोटाला के मामले में सीबीआइ-दो की अदालत ने बड़ा एक्शन लिया है. आइएएस अधिकारी केपी रमैया समेत तीन आरोपितों को फरार घोषित करते हुए उनके खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी का स्थायी वारंट जारी किया है.अदालत से जारी कुर्की जब्ती वारंट का तामिला प्रतिवेदन सीबीआइ ने जमा कराया था, इस पर विचार करने के बाद आरोपित आइएएस केपी रमैया तथा सृजन संस्था की संस्थापिका स्वर्गीय मनोरमा देवी के पुत्र अमित कुमार व पुत्रवधु रजनी प्रिया को भगोड़ा घोषित कर उनके खिलाफ अलग अभिलेख खोलने और स्थायी वारंट जारी करने का आदेश दिया है.
अदालत ने अपने आदेश में सीबीआइ के क्रियाकलाप पर भी सवाल उठाये. अदालत से जारी गिरफ्तारी के गैर जमानती वारंट, कोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जारी इश्तेहार चस्पा होने और तीनों आरोपितों की संपत्ति कुर्की जब्ती के आदेश के बावजूद तीनों आरोपित फरार चल रहे हैं. तीनों आरोपित अभी तक सीबीआइ की पहुंच से भी दूर हैं.अदालत में मामला विशेष वाद संख्या 12/ 2020 के रूप में दर्ज है.
सीबीआइ ने इस मामले की प्राथमिकी आरसी 14(ए) /2017 दर्ज की थी. भागलपुर जिले में महिला सशक्तीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की सरकारी योजनाओं की सरकारी राशि का सरकारी कर्मचारियों एवं सृजन नामक स्वयंसेवी संस्था की मिलीभगत से धोखाधड़ी एवं जालसाजी पूर्वक गबन करने का मामला है.सीबीआइ ने केपी रमैया समेत 27 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. इस मामले में 13 अभियुक्त जेल में बंद हैं और सात जमानत पर हैं. चार अभियुक्तों को पटना हाईकोर्ट से अंतरिम राहत प्राप्त है जबकि उपरोक्त तीनों आरोपित फरार हैं.
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