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पुलिसिया दादागिरी, आधी रात घर से उठा ले गई बीमार और मजदूरों को, भेंज दिया जेल

सभी 25 आरोपियों को कोर्ट ने भेजा जेल, कुछ कैंसर से भी पीड़ित

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पुलिस की दादागिरी, आधी रात घर में घुसकर बीमार और मजदूरों को उठा ले गयी

सिटी पोस्ट लाइव : बीते गुरुवार को फतुहा बंद के दौरान बंद समर्थकों ने उत्पात मचाई तो रात में लोगों के घर उत्पात मचाने पटना पुलिस भी पहुँच गई . 19 जुलाई को फतुहा थाना क्षेत्र में यूकेजी के छात्र अभिमन्यु हत्याकांड मामले के सभी आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर, आहूत फतुहा बंद के दौरान जाप कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा मचाया था. इस दौरान जाप कार्यकर्ताओं ने रोड जाम कर दिया .सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया. आने जाने वाले वाहनों के साथ जमकर तोड़फोड़ की. जब उग्र जाप कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों पर काबू पाने पुलिस पहुंची तो हिंसक झड़प शुरू हो गई . स्थानीय लोगों और जाप कार्यकर्ताओं ने दौड़ा दौड़ा कर पुलिसवालों को पिटा. जमकर पुलिस पर पथराव किया. इस पिटाई और पथराव में लगभग आधे दर्जन पुलिसकर्मी गंभीररूप से घायल हो गए थे.

इसका बदला उसी दिन पटना  पुलिस ने भी ले लिया .पुलिस ने भी  बर्बरता पूर्वक स्थानीय लोगों और जाप कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां बरसाई .इस पुलिस लाठीचार्ज में कई स्थानीय  नागरिक भी घायल हुए .लेकिन इतना से ही पुलिस संतुष्ट नहीं हुई. उसने बंद समर्थकों को सबक सिखाने के लिए देर रात  कर्रवाई करते हुए दो दर्जन से ज्यादा  लोगों के घरों से उठा लिया .उनकी जमकर पिटाई की. पकडे गए लोगों में कई निर्दोष मजदूर और कैसर रोग से पीड़ित लोग भी शामिल थे.स्थानीय लोगों के अनुसार  गिरफ्तार कर 25 लोगों को अपने साथ पुलिस ले गई. जिनमें कई मजदूर, ड्राइवर और दो युवक कैंसर से पीड़ित थे. शुक्रवार को सभी 25 आरोपियों को पुलिस ने व्यवहार न्यायालय पटना के समक्ष पेश किया गया. न्यायालय ने जांच के आदेश के साथ ही सभी आरोपियों को जेल भेज दिया.

जब इस बात की खबर स्थानीय लोगों को और आरोपियों के परिजनों को लगी तो वे भी व्यवहार न्यायालय जा पहुंचे और पुलिस प्रशासन पर बर्बरता और बिना सबूत  निर्दोष लोगों को जेल में डाल देने उनके साथ मारपीट किये जाने का  आरोप लगाया. परिजनों की माने तो पुलिस ने सभी निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया है. ये सभी बेहद गरीब और मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं. जबकि पुलिस ने उन्हें हिंसा और उत्पात मचाने के आरोप में गिरफ्तार किया है और बेरहमी से इनकी  पिटाई  की है. गौरतलब है कि  पकड़े गए ज्यादातर लोग मजदूर और ड्राइवर हैं. इतना ही नहीं दो युवक कैंसर रोग से पीड़ित है, लेकिन पुलिस ने बिना सोंचे समझे सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. हालांकि इस मामले में कोर्ट ने पुलिस को जमकर फटकार लगाया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई से कई निर्दोष और कैसर से पीड़ित लोग मुजरिम बन जेल पहुँच गए हैं.

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