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मधुबनी में मधुबनी में ईंट भट्ठा कारोबारी की हत्या, जांच में जुटी पुलिस.

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मधुबनी में मधुबनी में ईंट भट्ठा कारोबारी की हत्या, जांच में जुटी पुलिस.

सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के मधुबनी (Madhubani)  जिले एक बड़ी अपराधिक वारदात की खबर आ रही है. अपराधियों ने नेपाल बॉर्डर से सटे लौकहा थाना इलाके स्थित अंधारबन गांव में दिनदहाड़े 45 वर्षीय रामपुर गांव निवासी जयनारायण यादव  की गोली मारकर हत्या (Murder) कर दी. लौकहा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी जयनारायण यादव रुपए के लेन-देन के कारोबार से जुड़ा था और शनिवार को अपने कारोबार के सिलसिले में ही अंधारबन गांव के पास ईंट भट्ठा परिसर में पहुंचा था जहां अज्ञात बदमाशों ने जयनारायण यादव की हत्या कर दी.

परिजनों के मुताबिक जिस चिमनी परिसर में जयनारायण यादव की हत्या हुई है,उस चिमनी के 2 पार्टनर हैं राजेंद्र यादव और उमेश रान. बताया जा रहा है कि इन दोनों पार्टनर का जयनारायण यादव के साथ रुपए का लेन-देन था. परिजनों का कहना है कि चिमनी में करीब 90 लाख रुपया जयनारायण यादव का लगा था .मृतक की पत्नी के मुताबिक शनिवार दोपहर किसी ने फोन करके कहा था कुछ रुपये लेकर चिमनी पर आने को, जिसके बाद 5 लाख रुपये लेकर जयनारायण यादव चिमनी परिसर पहुंचा था जहां अज्ञात बदमाशों ने उसे मौत के घाट उतार दिया.

बताया जा रहा है कि घर से निकलते वक्त कारोबारी ने पत्नी से कहा था दिन के खाने में मटन बनाकर रखना,मैं तुरंत काम निपटाकर लौटता हूं फिर खाना खाने के बाद झंझारपुर जाना है. लेकिन कारोबारी के जाने के कुछ ही देर बाद उसकी हत्या की खबर आई. घटना के बाद से मृतक की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है.कारोबारी के सिर में तीन गोलियां मारी गई हैं साथ ही किसी धारदार हथियार से सिर पर हमला भी किया गया है. परिजनों ने आपसी रंजिश के चलते हत्या की आशंका जताई है.

 जानकारी के मुताबिक साल 2006 में लौकहा थाना इलाके में जगतनारायण यादव नामक शख्स की हत्या हुई थी जिसमें जयनारायण यादव समेत 21 लोग नामजद थे. बताया जा रहा है कि हत्या के उस मामले में वर्षों जेल में रहने के बाद जयनारायण यादव की रिहाई हुई थी ऐसे में शनिवार को हुई वारदात के तार को कहीं न कहीं साल 2006 में हुई हत्या से भी जोड़कर देखा जा रहा है.

हालांकि ये सब बस अनुमान है, तफ्तीश जारी है. पुलिस फिलहाल किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. पुलिस के मुताबिक वारदात के वक्त चिमनी परिसर में 50-60 की संख्या में मजदूर मौजूद थे लेकिन लॉकडाउन के चलते बताया जा रहा है कि चिमनी में कामकाज बंद था इसलिए सभी मजदूर अपने कमरे में थे लिहाजा कोई चश्मदीद नहीं मिल पाया है. हालांकि घटनास्थल के पास से दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

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