बिहार में ODF घोटाला, खुले में शौचमुक्त दर्जनों जिलों में खुले में शौच को मजबूर महिलायें
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार द्वारा बड़े बड़े काम और बड़ी बड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन पेपर पर ही हो जा रहा है. बिहार के कई जिले खुले में शौचमुक्त घोषित हो चुके हैं लेकिन सच्चाई यहीं है कि आज भी महिलायें खुले में शौच करने को मजबूर हैं. उदहारण के लिए सीतामढ़ी जिले को ले लीजिये. जिले के डीएम रंजीत कुमार सिंह दावा करते हैं कि उन्होंने एक दिन में 1 लाख 10 हजार गड्ढे खुदवाए. 70 हजार शौचालय सिर्फ 7 दिनों में बनवा डाले. पूरे जिले को सिर्फ 75 दिनों में ODF घोषित करवा डाला.लेकिन हकीकत जानना हो तो आप जिले में सुबह सुबह घूम लीजिये. दर्जनों महिलायें अपने हाथों में लोटे के साथ मैदान में खुले में शौच करती नजर आयेगीं.
ये हाल केवल एक जिला का नहीं बल्कि दर्जनों जिले ऐसे हैं जो ओडीएफ घोषित हो चुके हैं लेकिन वहां हाथों में डिब्बे लिए खुले में शौच को मजबूर महिलाएं आपको देखने को मिल जायेगीं. गौरतलब है कि देशभर में खुले में शौच से मुक्ति के लिए बड़े अभियान चलाए जा रहे हैं. 2 अक्टूबर तक बिहार को ODF बनाने का दावा किया जा रहा है. कई जिले ODF घोषित भी कर दिए गए हैं. बिहार का सीतामढ़ी पहला ऐसा जिला बना जिसे खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया, लेकिन यहां ODF की जमीनी हकीकत चौंकाने वाली है.सीतामढ़ी जिले के रुन्नी सैदपुर ब्लॉक के माधोपुर गांव के लोगों के अनुसार इस गांव में 4 से 5 घरों में ही शौचालय बना है.बिहार के सीतमाढ़ जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है, लेकिन कागजों पर बने शौचालयों की हकीकत ये तस्वीर बयां करती है.
बिहार में अब तक 13 जिले ओडीएफ घोषित किए गए हैं, लेकिन सीतामढ़ी के ODF होने की इस हकीकत ने साफ कर दिया है कि शासन के दावे एक तरफ हैं और हकीकत का कागजी पुलिंदा दूसरी तरफ. इस खुलासे के बाद ये मामला अब विधानसभा में भी उठ चुका है . विपक्ष ने सरकार को कठघरे में खड़ा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. इस बीचर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इस पूरे मामले की जांच करवाने की बात कही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है.
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