परीक्षा देकर महिला थाने की थानेदार बनी पटना की रवि रंजना
लिखित और मौखिक परीक्षा लेकर किस पुलिसवालों को थानेदार बनाए जाने का देश का पहला मामला
सिटी पोस्ट लाइव : पटना पुलिस ने महिला थानाध्यक्ष के चयन के लिए पटना जिले के सभी महिला पदाधिकारियों को लिखित परीक्षा देने के लिए पटना पुलिस केंद्र बुलाया.27 महिला पुलिस अवर निरीक्षक इस परीक्षा में शामिल हुईं . सबने लिखित परीक्षा दी .परीक्षा के बाद साक्षात्कार हुआ . फिर ईन 27 में से एक महिला अवर निरीक्षक महिला थानाध्यक्ष पद के लिए चुनी गई . कोतवाली थाने की रवि रंजना को तत्काल प्रभाव से थानाध्यक्ष बनाने का आदेश दे दिया गया . थानाध्यक्ष बनाने से पहले लिखित परीक्षा और साक्षात्कार लिए जाने की यह देश की पहली घटना है.
डीआइजी राजेश कुमार के अनुसार रिटेन टेस्ट में 5 ऑब्जेक्टिव और 5 सब्जेक्टिव प्रश्न दिए गए थे. ये सभी 50 अंकों के थे. इसके बाद इंटरव्यू 50 अंकों का था. अब भविष्य में दुसरे थानों के लिए भी इसी प्रक्रिया से थानेदार चुना जाएगा .दरअसल, सरकार ने महिलाओं से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए हर जिले में एकल महिला थाना की स्थापना की है. उनसे संबंधित मामले और समस्याएं संवेदनशील होते हैं. इस लिहाज से पुलिसकर्मियों का व्यवहार सौम्य और कुशल होना चाहिए. वर्तमान महिला थानाध्यक्ष की भाषा सही नहीं थी, जिसके कारण पीड़ित महिलाएं और युवतियां थाने में जाने से परहेज करती थीं.
थानाध्यक्ष की पदस्थापना हेतु इस परीक्षा को पटना के तीनों सिटी एसपी, ईस्ट/वेस्ट और सेंट्रल क्रमशः राजेंद्र कुमार भील, रविंद्र कुमार और अमरकेश दारपीनेनी के संयुक्त निर्देशन में लिया गया. उसके पश्चात उन सभी की मेधा सूची बनाई गई. मेधा सूची में प्रथम आने वाली महिला पुलिस अवर निरीक्षक रवि रंजना (कोतवाली थाना) को तत्काल प्रभाव से महिला थानाध्यक्ष के रूप में पदस्थापित किया गया है.आजतक तो चेहरे और सिफारिश को ध्यान में रखते हुए ही थानाध्यक्ष बनाए जाने की परंपरा रही है. यह पहला मौका है, जहाँ लिखित और मौखिक परीक्षा में पास होने के बाद किसी महिला को थानाध्यक्ष बनाया गया है.दरअसल, पटना सेन्ट्रल रेंज के डीआइजी राजेश कुमार ने पटना पुलिस को पीपुल्स फ्रेंडली बनाने के लिए यह अनोखा प्रयोग किया . अगर यह परंपरा जारी रही तो पुलिसवालों को जिम्मेवार पदों पर बैठने के लिए हरबार परीक्षा से गुजरनी होगी.
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