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रामगढ़ का सबसे बड़ा नटवरलाल गिरफ्तार

आधा दर्जन से अधिक प्रखंडों के बीडीओ और सीओ को कर रहा था ब्लैकमेल

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रामगढ़ का सबसे बड़ा नटवरलाल गिरफ्तार
सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: रामगढ़ का सबसे बड़ा नटवरलाल अब गिरफ्तार हो गया है। पुलिस को उसकी शक्ल पहचानने के लिए एक स्पेशल टीम बनानी पड़ी थी। इसके बाद उसे बेहद नाटकीय ढंग से गोला के डीवीसी चौक के पास पकड़ा गया। बुधवार को इस मामले का उद्भेदन करते हुए गोला थाना प्रभारी धनंजय प्रसाद ने बताया कि गोला के नोनिया टोला निवासी बसंत कुशवाहा पिछले कई वर्ष से ठगी का धंधा कर रहा था। आम लोगों को कभी जमीन के नाम पर, तो कभी रंगदारी के नाम पर ठगता रहता था। यहां तक कि उसने अधिकारियों को भी नहीं छोड़ा। उसने कई अंचलाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी अपनी जाल में फांंसा था। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल कर हर महीने रकम भी वसूलता था। गोला थाना प्रभारी ने बताया कि बसंत ने रामगढ़ शहर के एक बड़े फल व्यवसाई फिरोज खान को गोला में जमीन देने का वादा किया था। उसने जमीन के एवज में एक एग्रीमेंट भी बनवाया था। उस एग्रीमेंट के आधार पर उसने फिरोज खान से बीस लाख रुपये लिए थे। उसने न तो फिरोज खान को जमीन ही दी और न ही उनके पैसे ही वापस किए। इसके बाद जब फिरोज ने उस पर दबाव बनाना शुरू किया तो वह गायब हो गया। बाद में फिरोज खान ने उसके खिलाफ गोला थाने में केस दर्ज किया। मामला कोर्ट में चल रहा है। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। यहां तक कि उसके खिलाफ वारंट भी जारी किया गया था। पुलिस के अनुसार जांच के दौरान पता चला कि उसने कई प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को ब्लैकमेल किया है। गोला, पतरातू, सिल्ली, रहातू, ओरमांझी प्रखंड में पदस्थापित बीडीओ और सीओ उसके शिकार हो चुके हैं। हालांकि इस मामले में किसी अधिकारी ने लिखित तौर पर शिकायत तो नहीं की लेकिन मौखिक तौर पर कई शिकायतें की गई। प्रखंड स्तरीय योजनाओं को लेकर अक्सर बसंत सूचना के अधिकार के तहत रिपोर्ट मांगता था। अगर कहीं उसे कोई जानकारी मिल गई तो फिर वह उसे लेकर संबंधित अधिकारी सेे ब्लैकमेल करता था।
बसंत का पुराना अपराधिक इतिहास
गोला थाना प्रभारी धनंजय प्रसाद ने बताया कि रामगढ़ जिले का सबसे बड़ा नटवरलाल 54 वर्षीय बसंत कुशवाहा का अपराधिक इतिहास काफी पुराना है। वर्ष 1991 में तत्कालीन थाना प्रभारी प्रभुनाथ गोप ने बसंत कुशवाहा को रंगदारी के एक मामले में गिरफ्तार किया था। उस वक्त बसंत की उम्र 25 वर्ष थी। उस वक्त इसे सुधारने के लिए और सामाजिक तौर पर इसका मनोबल तोड़ने के लिए पुलिस ने इसकाे सार्वजनिक रूप से अपमानित भी किया गया था।
मनरेगा घोटाले का खुलासा करने में सुर्खियों में आया था बसंत
गोरा थाना प्रभारी ने बताया कि बसंत कुशवाहा लगभग ने एक साल पहले सूचना के अधिकार के तहत मनरेगा योजना की कई सारी सूचनाएं हासिल की थी। उस वक्त भी उसने कुछ अधिकारियों को ब्लैकमेल करने की कोशिश की थी। जब उसकी बात नहीं बनी तो उसने पूरा मामला मीडिया में जारी किया था। उस आधार पर रामगढ़ के तत्कालीन डीसी राजेश्वरी बी ने गोला बीडीओ के खिलाफ जांच भी शुरू की थी।

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