सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में विजिलेंस टीम ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद पर शिकंजा कस दिया है. विजिलेंस टीम ने राजेंद्र प्रसाद के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. सरकारी आवास समेत अन्य ठिकानों पर अलग-अलग टीमें छापेमारी की थी. बुधवार को ही कुलपति के गया स्थित सरकारी आवास और बोधगया के कार्यालय की भी तलाशी ली गयी. कुलपति पर यूनिवर्सिटी में खरीददारी करने के नाम पर 30 करोड़ रुपये के गोलमाल के आरोप में केस दर्ज किया गया है.
15 घंटों तक चाली इस छापेमारी में कई खुलासे हुए हैं. राजेन्द्र प्रसाद यादव के आवास से 70 लाख रुपये नकद मिले, जिसे गिनने के लिए शहर के दो मशीने मंगानी पड़ी. साथ ही 5 लाख की विदेशी मुद्रा के साथ 15 लाख रुपये के जेवरात भी बरामद हुए हैं. जांच टीम को करीब एक करोड़ की जमीन के कुछ कागजात भी मिले हैं. ये जमीने पिछले कुछ सालों में खरीदी गयी हैं. साथ ही कई बैंक एकाउंट, लॉकर का भी पता चला है. राजेन्द्र प्रसाद ने शेयर मार्केट में भी निवेश कर रखा है. जांच में ये भी सामने आया कि मगध विवि परिसर के लिए कागजों में 86 गार्ड तैनात किये गये थे जबकि वहां पर सिर्फ 47 ही कार्यरत मिले.
बता दें निगरानी विभाग ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद सिंह के साथ-साथ उनके निजी सचिव सुबोध कुमार और एक प्रिंटिंग वेंचर के मालिक और वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के फाइनेंशियल ऑफिसर ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। विजिलेंस की तरफ से जो केस दर्ज किया गया है उसमें इन लोगों पर कई आरोप हैं.
बताया जा रहा है कि राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ 20 करोड़ से अधिक अवैध खरीदारी का आरोप है. मगध यूनिवर्सिटी और वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति रहते उन्होंने ये अनियमितताएं की हैं. अवैध का खरीदारी के अलावा भी उनपर कई गंभीर आरोप हैं. बताया जा रहा है कि अपने रिश्तेदार की एजेंसी से अवैध तरीके से करोड़ों की खरीदारी की है. जबकि खरीदारी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के पोर्टल से की जानी है. खरीदारी निविदा की प्रक्रिया और नियम का भी घोर उल्लंघन करने का आरोप है.
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