शराब माफिया पर नकेल कसने की तैयारी शुरू.
शराबबंदी में गिरफ्तारी के मामलों पर तेज सुनवाई के लिए मद्य निषेध का होगा स्पेशल कोर्ट,
सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में पूर्ण शराबबंदी के वावजूद अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर जारी है.सरकार जैसे जैसे कारवाई कर रही है, शराब माफियाओं का उतना ही बड़ा चेहरा सामने आ रहा है. अब शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वाले माफियाओं को सजा दिलाने के लिए पुलिस की मद्य निषेध इकाई विशेष तैयारी कर रही है.अब मद्य निषेध इकाई स्पेशल एजेंसी के तौर पर काम करेगी. त्वरित सुनवाई के लिए स्पेशल मद्य निषेध कोर्ट और थाना बनेगा. स्पेशल कोर्ट के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. अब तक बिहार पुलिस की सीआईडी के तहत काम करने वाली मद्य निषेध इकाई शराब के मामलों को मॉनिटर करती थी.
अब मद्य निषेध इकाई शराब से जुड़े मामलों में विशेषज्ञ एजेंसी के तौर पर काम करेगी. यह एजेंसी जहरीली शराब, शराब की खेप की बड़ी बरामदगी, दूसरे राज्यों से अवैध तरीके से शराब की आपूर्ति करने वाले माफियाओं आदि से जुड़े मामले की जांच करेगी.शराबबंदी कानून के उल्लंघन से जुड़े खास तरह के और बड़े मामलों को इंवेस्टिगेट करेगी. सीवान और सारण में जहरीली शराबकांड से जुड़े दोनों मामलों का अनुसंधान इसने शुरू भी कर दिया है. इकाई का क्षेत्राधिकार पूरा राज्य होगा. अनुसंधान के बाद चार्जशीट पटना में प्रस्तावित विशेष अदालत में होगी.
मद्य निषेध इकाई जिन मामलों का अनुसंधान करेगी उसकी चार्जशीट विशेष अदालत में ही दायर करेगी. यहीं सुनवाई होगी और यहीं अभियुक्तों को सजा भी सुनाई जाएगी.2021 और 2022 में 9 राज्यों से 149 शराब माफियाओं को गिरफ्तार कर बिहार लाया गया है. विशेष अदालत के गठन से ऐसे माफियाओं को जल्द सजा भी दिलाई जा सकेगी.गौरतलब है बिहार में शराबबंदी कानून से जुड़े मामलों के लिए कोई विशेष अदालत नहीं है. जिलों में दर्ज होने वाले मामलों की चार्जशीट पुलिस जिलों की अदालतों में ही दायर करती है.लेकिन अब विशेष अदालत के गठन के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी क्योंकि सुनवाई और सजा तेजी से होगी.
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