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शराब पीने की पुष्टि नहीं होने पर भी थाने से छोड़ने के लिए थानेदार ने वसूले एक लाख

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शराब पीने की पुष्टि नहीं होने पर भी थाने से छोड़ने के लिए थानेदार ने वसूले एक लाख

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए एक तरफ सरकार जागरूकता अभियान चल रही है दूसरी तरफ बिहार पुलिस के अधिकारी शराबबंदी को अपनी अवैध कमाई का सबसे बड़ा जरिया बनाए हुए हैं. एक ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है. गोपालगंज के भोरे थाना पुलिस की एक ऐसी करतूत सामने आई है जो ये साबित करने के लिए काफी है कि शराबबंदी लोगों को परेशान कर उनसे जबरन उगाही का एक बड़ा जरिया बन चूका है. गोपालगंज की एक  कंस्ट्रक्शन कम्पनी के एमडी ने थानेदार पर संगीन आरोप लगाए हैं. पीड़ित का आरोप है कि उसे शराब पीने के आरोप में रातभर थाना हाजत में बंद किया गया और अगले दिन एक लाख रूपये घूस लेकर छोड़ा गया जबकि मेडिकल रिपोर्ट में शराब पीने की पुष्टि भी नहीं हुई थी.

भोरे थाना के उपाध्याय टोला के रहने वाले प्रवीण कुमार उपाध्याय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस विडियो में प्रवीन कुमार  भोरे के थानाध्यक्ष पर एक लाख रूपये लेकर हाजत से छोड़ने का आरोप लगा रहे हैं. करीब एक मिनट 25 सेकंड का यह वीडियो खुद प्रवीण कुमार उपाध्याय ने बनाया है. जिसमें वो बता रहे हैं कि बीते रविवार को वे अपनी भतीजी की मुंडन समारोह के लिए ऑर्केस्ट्रा बुक करने भोरे गए हुए थे. उनकी पटना में ही कंस्ट्रक्शन कंपनी है जहा कंस्ट्रक्शन का काम चलता है.

आर्केस्ट्रा बुक करने के लिए वो जैसे ही आए वैसे ही शराब बरामदगी को लेकर भोरे पुलिस का छापा पड़ गया. इस छापेमारी में उन्हें भी उनके बोलेरो गाड़ी के साथ गिरफ्तार कर भोरे हाजत में बंद कर दिया गया. हाजत में बंद रखने के दौरान भोरे रेफरल अस्पताल में उनका मेडिकल कराया गया जहां मेडिकल रिपोर्ट में शराब पीने की कोई पुष्टि नहीं हुई. इसके बावजूद उन्हें रात भर हाजत में बंद रखा गया. सुबह छोड़ने के एवज में थानाध्यक्ष द्वारा एक लाख रुपये का डिमांड किया गया. एक लाख रुपये नहीं देने पर उनकी गाड़ी में शराब बरामदगी को दिखाते हुए उन्हें जेल भेजने की धमकी दी गई. प्रवीण कुमार उपाध्याय के द्वारा बनाये गए वीडियो में कहा गया है कि उन्होंने जब थानाध्यक्ष अजीत कुमार सिंह को एक लाख रुपये दिए तब उन्हें सुबह हाजत से रिहा किया गया.

प्रवीण कुमार ने इस मामले को लेकर सूबे के डीजीपी से लेकर मुजफ्फरपुर आईजी , सारण डीआईजी और गोपालगंज एसपी को मेल भेजकर न्याय की गुहार लगायी है. आरोप लगाने के बाद भोरे थानाध्यक्ष अजीत कुमार सिंह और गोपालगंज प्रभारी एसपी विनय तिवारी दोनों इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं हैं.इस आरोप को पुलिस मुख्यालय ने काफी गंभीरता से लिया है.डीजीपी ने मामले की जांच का आदेश दे दिया है.दीजेपी के.एस द्वेदी ने सिटी पोस्ट लाइव से कहा कि आरोप सही पाया गया तो थानेदार के खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई होगी.

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