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खूबसूरत महिलाओं को ही मिलते थे समाज कल्याण के बालिका केंद्र संचालन के ठेके?

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सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर,मधुबनी  बालिका और आश्रय होम के मामले में पड़ताल चल रही है. इस पड़ताल के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है.ये खुलासा ये है कि समाज कल्याण विभाग के  बालिका और आश्रय गृह का काम लेनेवाली ज्यादातर महिलायें हैं. उन्होंने अपनी खूबसूरती की बदौलत समाज कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े बड़े बड़े कॉन्ट्रैक्ट हथिया लिए .मुजफ्फरपुर जिस बालिका गृह केंद्र की 34 लड़कियों के साथ रेप हुआ उसका असली मालिक भले ब्रजेश ठाकुर हो लेकिन उसके सारे  कामकाज भी एक महिला मधु ही करती थी.

सूत्रों के अनुसार बालिका गृह और आसरा होम चलनेवाली महिलाओं ने अपनी उंच्ची राजनीतिक पहुँच और खूबसूरती की बदौलत सारे बड़े प्रोजेक्ट्स हथिया लिए. आसरा और बालिका गृह चलनेवाली ये खूबसूरत महिलायें किसी न किसी राजनेता से जुडी हुई हैं.आरजेडी के नेता शिवानन्द तिवारी ने भी एक नेता के पीए की सुन्दर पत्नी द्वारा बालिका गृह चलाये जाने का खुलासा किया था .इस मामले की जांच में जुड़े सूत्रों के अनुसार बालिका और आसरा होम चलाने वाले संस्थानों के द्वारा समाज कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग के काम लेने के लिए  पैसे के साथ साथ महिलाओं का जमकर इस्तेमाल किया गया.अब मुजफ्फरपुर मामले की जांच में जुटी सीबीआई इस बात की जांच में जुटी है कि कौन वो अधिकारी हैं जिन्होंने बड़े बड़े ठेके दिए जाने के एवज में मोटी रकम तो वसूली ही साथ साथ लड़कियों का इस्तेमाल किया .

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में बालिका गृह की ल्लादाकियों को बड़े बड़े लोगों के सामने परोसे जाने का खुलासा हुआ है.सबसे ख़ास बात ये है कि इस रैकेट में अहम्या भूमिका महिलाओं ने ही निभाया है.पटना के राजीव नगर आसरा होम में गड़बड़झाला किये जाने का मामला उजागर हुआ है. इस आसरा होम की दो महिलाओं की मौत के बाद ये खुलासा भी हुआ है कि आसरा होम में चल रही गड़बड़ी का विरोध करनेवाले पड़ोसियों को किस तरह से छेड़खानी के झूठे मुकदमों में फंसा दिया जाता था.राजीव नगर आसरा होम में गड़बड़ी की शिकायत पड़ोसियों से करने के कारण एक पडोसी बनारसी दास को छेड़खानी के मामले में फंसा देने का मामला उजागर हुआ है.सूत्रों के अनुसार बालिका और आश्रय गृह चलानेवाली ईन खूबसूरत महिलाओं को काम देने की सिफारिश जो नेता करते थे उनकी पहचान करने में सीबीआई  जुटी है.

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