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बिहार के सरकारी अस्पताल जहाँ ओझा-गुनी करते हैं मरीजों का ईलाज

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अस्पताल के इमरजेंसी बिल्डिंग में एक अलग ही नजारा देखने को मिला. बिल्डिंग में दो शख्स हाथों में नीम का झाड़ लेकर एक युवक के सर पर पत्तों से मार रहे थे और इस गतिविधि को इलाज करना बता रहे थे.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सरकारी अस्पतालों में ईलाज के लिए दावा नहीं है तो भी चिंता करने की जरुरत नहीं है. यहाँ डॉक्टर ईलाज फेल हो जाए तो यहाँ झड-फूंक की व्यवस्था भी है. ओझा-गुनी यहाँ आपको हर बीमारी से मकती दिलाने का दावा करते मिल जायेगें. अगर आपको विश्वास नहीं हो रहा है तो आप बिहार के भोजपुर जिले के आरा सदर अस्पताल आ जाइए.. यहां मरीजों के ईलाज के डॉक्टर भले न ड्यूटी पर मिलें लेकिन ओझा-गुनी जरुर मिल जायेगें.

आरा सदर अस्पताल में लोग डॉक्टरों से अपना इलाज कराने पहुंचते हैं. अगर डॉक्टर बीमारी ठीक नहीं कर पाया तो उनका ईलाज ओझा-गुनी करते हैं. बुधवार शाम इस अस्पताल के इमरजेंसी बिल्डिंग में एक अलग ही नजारा देखने को मिला. बिल्डिंग में दो शख्स हाथों में नीम का झाड़ लेकर एक युवक के सर पर पत्तों से मार रहे थे. इसे वो ईलाज की प्रक्रिया बता रहे थे.

भोजपुर में सांप डंसने के बाद झाड़-फूंक के चक्कर में चली गई तीन लोगों की जान:

दरअसल इस युवक को एक जहरीले सांप ने काट लिया था. पीड़ित युवक का छोटा भाई दोनों शख्स के पास हाथ में मटका लिए खड़ा था. मटके में वो सांप था जिसने उसके भाई को काटा था. तकरीबन दो घंटे तक ड्रामे को देख हर कोई ताज्जुब खाता रहा, लेकिन अस्पताल प्रशासन की तरफ से कोई रोकटोक नहीं. भोजपुर जिले के चरपोखरी थाना क्षेत्र के सेमराव गांव के निवासी दीपक कुमार को सोते समय एक विषैले सांप ने डंस लिया. युवक के शोर मचाने पर घरवाले कमरे में पहुंचे और सांप को पकड़ लिया. परिजनों ने जख्मी युवक का अपने स्तर से गांव में ही इलाज कराया. फिर स्थिति बिगड़ती देख उसे लेकर आरा सदर अस्पताल पहुंचे.

सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने युवक की हालत गंभीर देख उसे पटना रेफर कर दिया. इसके बाद परिजनों ने पीड़ित को पटना न ले जाकर वहीं उसका झाड़-फूंक कराना शुरू कर दिया. फिर अस्पताल के इमरजेंसी बिल्डिंग परिसर में शुरू हो गया झाड़-फूंक का खेल. दो घंटे तक चले ड्रामे के बाद पीड़ित युवक के परिजन उसे लेकर वापस अपने गांव चले गए. सवाल ये उठता है कि अज्ञानता की वजह से लोग तो डॉक्टरों से ज्यादा लोग ओझा-गुनी पर विश्वास करते हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन कैसे अस्पताल में झाड-फूंक करने की ईजाजत दे सकता है?

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