मुंगेर AK-47 कांड: NIA ने संभाल लिया है जांच का जिम्मा, बेनकाब होगें बड़े नेता
सिटी पोस्ट लाइव : AK—47 तस्करी के मामले की जांच NIA ने अपने हाथ में ले लिया है. NIA ने 6 केसों को अपने हाथ में लिया है. गौरतलब है कि मुंगेर में अबतक पुलिस 20 AK-47 वरामद कर चुकी है. इस मामले में पुलिस ने पहले ही इस पूरे तस्करी कांड के मास्टरमाइंड मंजर आलम को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं पुलिस ने इस मामले में जबलपुर के सुरक्षा संस्थान सीओडी यानि सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो में भी मंजर के सहयोंगियों को गिरफ्तार कर लिया है. अब इस मामले के अनुसंधान को NIA ने अपने हाथ में ले लिया है.
गौरतलब है कि AK 47 जैसे घटक हथियारों की तस्करी से सेना-नेता और नक्सली संगठनों के तार जुड़ने के बाद से ही इस मामले की जांच NIA द्वारा कराये जाने का फैसला सरकार ने ले लिया था. NIA की टीम मुंगेर में पहले से पहुंच के इस पूरे मामले का समझने में लगी हुई थी. आज NIA ने AK-47 तस्करी के मामलों के करीब 6 केसों को अपने हाथों में ले लिया है.इस पूरे कांड को लेकर पुलिस की ओर से 6 अलग—अलग मामले दर्ज किए गए हैं. जिसमें करीब 30 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है.
हथियारों की मंडी के रूप में फेमस मुंगेर में देश के सबसे खतरनाक हथियार AK-47 मध्य प्रदेश के जबलपुर से तस्कर ला रहे थे. यह खुलासा तब हुआ, जब मुंगेर में फिर 12 AK-47 एक साथ बरामद हुए. तस्कर 4 लाख में AK-47 खरीदते थे और मुंगेर में 8 से 10 लाख में बेचते थे.दरअसल पिछले माह ही यह बात सामने आ गयी थी कि जबलपुर से 70 से 80 AK-47 बिहार के मुंगेर जिले में मंगाए गए हैं. इसके बाद पुलिस के कान खड़े हो गये. दबिश बढ़ाई तो मुंगेर पुलिस को बड़ी सफलता जमालपुर में मिली. 7 सितंबर को जमालपुर के जुबली बेल के निकट 3 AK-47 के साथ पुलिस ने मो इमरान को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद पुलिस को इसके जबलपुर से तार जुड़ने की बात सामने आयी.
अबतक की पुलिसिया जांच में नक्सलियों के साथ साथ बिहार और झारखण्ड के बाहुबली विधायकों द्वारा भी AK -47 ख़रीदे जाने का खुलासा हो चूका है. अभीतक उन विधायकों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन अब NIA की जांच में उनकी गर्दन पकड़ में आ जायेगी.
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