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बड़ा खुलासा : बालिका गृह के लिए माँगा जाता था 5 से 10 लाख तक का रिश्वत

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सिटी पोस्ट लाइव : बालिका गृह कांड में एक से एक नए उद्भेदन हो रहे हैं. अब एक स्वयंसेवी संगठन (womenlien) चलानेवाली महिला मीनाक्षी स्वराज ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों और मंत्री मंजू वेर्मा के ऊपर गंभीर आरोप लगाया है.मीनाक्षी स्वराज का कहना है कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारी किसी भी प्रोजेक्ट्स को स्वयंसेवी संस्थाओं को देने के एवज में खुल्लेयाम रिश्वत की मांग करते थे. पहले से ही सबकुछ तय होता था कि किसको काम देना है .केवल दिखावे के लिए साक्षात्कार होता था. साक्षात्कार मे केवल उटपटांग सवाल पूछकर सबको बाहर कर दिया जाता था और तय कार्यक्रम के अनुसार सारे काम ब्रजेश ठाकुर जैसे लोगों की संस्थाओं को दे दिया जाता था .

मीनाक्षी स्वराज का कहना है कि वो झारखण्ड में काम कर रही हैं .वहां हमेशा साक्षात्कार में उन्हें 50 अंक से ज्यादा मिलते हैं लेकिन बिहार में साक्षात्कार  के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है.उन्होंने कहा कि साक्षत्कार देने के बाद उन्हें विभाग से कईबार फोन आये. प्रोजेक्ट्स के हिसाब से 5 से 10 लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई.मीनाक्षी का दावा है कि उन्होंने इस बात की शिकायत समाज कल्याण के मंत्री मंजू वर्मा से भी  की थी.लेकिन कोई कारवाई करने की बजाय उन्होंने उन्हें डांट फटकार कर भगा दिया.

मीनाक्षी ने कहा कि उन्हें पता चला कि सारा लेनदेन उनके पति चंदेश्वर वर्मा करते हैं.इस जानकारी के बाद ही वो मंत्री से मिली थीं .मंत्री को इस बात की जानकारी जब दी तो मंत्री भड़क गई. उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि क्या आप लोग चाहती हैं कि केवल विधवाएं ही मंत्री बनें.स्वराज ने कहा कि मंत्री के इस जबाब का वो अर्थ आजतक समझ नहीं पाईं कि मंत्री ने ऐसा क्यों कहा कि “ क्या विधवाएं ही मंत्री बनेगीं”.

मीनाक्षी स्वराज का आरोप है कि जब भी समाज कल्याण के विभाग के अधिकारियों से वो मिली, उन्हें यहीं बताया गया कि यहाँ पहले से  ही सब फिक्स्ड है, नए लोगों को काम नहीं मिलेगा. मीनाक्षी स्वराज सवाल उठाती हैं कि महिलाओं की देखभाल का काम महिलाओं को देने की बजाय पुरुषों को क्यों दिया जाता है, जिन्हें बालिका गृह में जाने तक की ईजाजत नहीं.उन्होंने कहा कि बालिका गृह के अन्दर कोई पुरुष नहीं जा सकता फिर मुजफ्फरपुर में पुरुषों की बे-रोकटोक इंट्री कैसे थी?

गौरतलब है कि पहले भी एक चैनल स्टिंग ऑपरेशन के जरिये समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से लेकर मंत्री तक पैसा पहुंचाये जाने का खुलासा कर चूका है. लेकिन अब तो स्वयंसेवी  संगठन चलानेवाले लोग खुल्लेयाम  ऐसे आरोप लगाने लगे हैं. सिटी पोस्ट लाइव मीनाक्षी स्वराज के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की पुष्टि तो नहीं करता .लेकिन ये सवाल जरुर उठाता है कि  इस बात की गुंजाइश तो बनती ही है कि एक ही व्यक्ति के संस्था को कई कई काम नियम के खिलाफ जाकर देने के पीछे क्या खेल है, इस बात की जांच होनी ही चाहिए.मीनाक्षी स्वराज का कहना है कि नियम के अनुसार एक संस्था को दो से ज्यादा प्रोजेक्ट्स नहीं मिलना चाहिए .

गौरतलब है कि इसी नियम की काट के लिए ब्रजेश ठाकुर ने दर्जनों संस्थाएं बना राखी थीं ताकि सारे के सारे प्रोजेक्ट्स उसे ही मिल जाए.लेकिन विभाग के अधिकारियों को यह बखूबी पता था कि ये सारी संस्थाएं एक ही व्यक्ति की हैं.फिर भी आँख मूंद कर उसे सारे के सारे प्रोजेक्ट्स दिए जाते रहे.

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