सिटी पोस्ट लाइव: नक्सलियों के बिहार-झारखंड बंद के दौरान झारखंड में व्यपाक असर देखा गया. रांची से सटे खूंटी जिले में ट्रेलर ड्राइवर को जिंदा जला दिया गया. शुक्रवार को खूंटी-तमाड़ रोड पर कूड़ापुरती में बंद समर्थकों ने घटना को अंजाम दिया. मृतक की पहचान जोगा सिंह के रूप में हुई है. वह ट्रेलर लेकर राउरकेला से टाटानगर जा रहा था. इसी दौरान बंद समर्थकों ने ट्रेलर में आग लगा दी. ड्राइवर को वाहन से बाहर आने का भी मौका नहीं मिला और उसकी मौत हो गयी.
झारखण्ड में चलाये जा रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन के विरोध में नक्सलियों ने बिहार झारखण्ड बंद का आयोजन किया था. बिहार में तो उन्हें कुछ करने का मौका नहीं मिला लेकिन झारखण्ड में उन्होंने इस बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया. ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ के विरोध में भाकपा माओवादियों द्वारा आहूत बंद का झारखण्ड में व्यापक असर दिखा. रांची समेत शहरी क्षेत्रों में बंद विफल रहा लेकिन उग्रवाद प्रभावित जिला खूंटी में माओवादियों के बंद की वजह से जिला मुख्यालय से प्रखंड तक सन्नाटा पसरा रहा. वाहन नहीं चले, बाजार बंद रहे.
उधर ड्राइवर के जलाये जाने की सूचना मिलते ही आड़ा घाटी पहुंची .लेकिन तबतक नक्सली घटना को अंजाम देकर जा चुके थे. उस वक्त ट्रेलर धू-धू कर जल रहा था. पुलिसकर्मियों ने आगे बुझाने का प्रयास कर ही रहे थे कि पीछे से कुछ और ट्रेलर आ गये, सभी ने मिलकर आग बुझाने का काम किया. लेकिन, तब तक ट्रेलर चालक जोगा सिंह की मौत हो चुकी थी. घटना की सूचना मिलते ही एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा, एएसपी अभियान अनुराग राज, एसडीपीओ रणवीर सिंह, अड़की थाना प्रभारी चंद्रशेखर आजाद समेत बड़ी संख्या में पुलिस के जवान पहुंचे थे.
मृतक ड्राइवर जोगा सिंह के ट्रेलर के साथ पीछे चल रहे ट्रेलर चालक सतराम सिंह ने बताया कि उन्हें नक्सली बंद की उन्हें जानकारी नहीं थी. जैसे ही तमाड़ रोड में हमलोग प्रवेश किये तो बंद का अहसास हुआ. इसी बीच वे लोग कूड़ापूर्ति पहुंच गए. पुलिस वालों ने कूड़ापूर्ति में तीन-चार गाड़ियों को रोक दिया. सतनाम सिंह ने बताया कि उसके साथ चल रहे जोगा सिंह यह कहते हुए कूड़ापूर्ति से आगे निकल गए कि चल पुत्तर जहां मरना लिखा होगा वहीं मरेंगे. लेकिन, 4 किमी आगे गए ही थे कि उसके मित्र की गाड़ी जल रही थी. यह देख वह दूर में ही गाड़ी रोक दिया.
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