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नंदलाल खेमका अपहरण एवं हत्याकांड : उमेश दहलान को मिली रिहाई, घर में खुशी का माहौल

बाहुबली के रूप में जाने जाते हैं उमेश दहलान

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सिटी पोस्ट लाइव : वर्ष 1991 के शहर सहरसा का सबसे चर्चित नंदलाल खेमका अपहरण एवं हत्याकांड के अप्राथमिकी अभियुक्त उमेश दहलान को त्वरित न्यायालय सहरसा के अपर सत्र न्यायाधीश हरिदयाल पटेल के द्वारा मामले की सुनवाई करते हुए, गवाह व साक्ष्य के आधार पर आज गुरूवार को बाईज्जत बड़ी कर दिया गया। मालूम हो कि सदर थाना क्षेत्र के बनगांव रोड स्थित वर्ष 1991 के 26 जुलाई को खेमका मेडिकल एजेंसी के नंदलाल खेमका की हत्या और ओमप्रकाश खेमका का अपराधियों के द्वारा अपहरण कर लिया गया था।

इस घटना को लेकर सदर थाना में दर्ज कांड सं. 310/91 में पुर्णिंया जेल में बंद अपराधी उजीमुद्दीन के बयान पर 8 साल बाद उमेश दहलान को दोषी बनाया गया था। इस घटना के वक्त बतौर श्री दहलान सदर थाना के एक कांड में 2 जुलाई 1990 से 20 दिसंबर 1991 तक वे मंडल कारा सहरसा में बंद थे। यानि उक्त घटना के एक साल पूर्व से ही वे जेल में थे अौर घटना के 5 माह बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के आदेश से बाहर निकले थे।

रिहाई के बाद उमेश दहलान ने सिटी पोस्ट लाइव से बातचीत के दौरान बताया कि 4 सितंबर 1992 को किसी के ईशारे पर एक साजिश के तहत शहर में मेरी बढती सामाजिक व राजनीतिक हैसियत से घबराकर अपराधी अजीमुद्दीन के द्वारा मेरे खिलाफ बयान करवाया गया और 8 साल बाद ओमप्रकाश खेमका को खुश करने के लिए तत्कालीन डीएसपी बी.एम.लाल ने मुझे फंसा दिया । जबकि अपराधी अजीमुद्दीन वर्ष 1980 से आज तक जेल में बंद है और उसके विरूद्ध विभिन्न मामलों में उम्रकैद व फांसी तक की सजा हो चुकी है।

ऐसे अपराधी के बयान पर एक व्यवसायी को खुश करने के लिए मुझे फंसाने और सामाजिक मर्यादा की हनन करने की कोशिश की गयी ।लेकिन मुझे सदा से ही कानून और न्यायालय पर भरोसा रहा है ।एक बार फिर मुझे न्यायालय से अपहरण व हत्याकांड मामले में 27 साल बाद न्यायालय से इंसाफ मिला है। इसके लिए न्यायालय का शुक्रगुजार हूं और सदा से ही न्यायालय पर भरोसा कायम है और रहेगा ।श्री दहलान के घर आज मिठाईयां बट रही हैं।

सहरसा से संकेत सिंह की रिपोर्ट

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