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Execlusive :पप्पू यादव पर नहीं हुआ था हमला, रोने बिलखने की एक्टिंग कर रहे थे?

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सिटी पोस्ट लाइव ( अंजलि श्रीवास्तवा) : मुजफ्फरपुर में जाप के संरक्षक मधेपुरा सांसद पप्पू यादव पर कोई जानलेवा हमला नहीं हुआ. हमले की बात तो दूर उनके साथ बंद समर्थकों की कोई झड़प भी नहीं हुई. बंद समर्थकों ने केवल उनके काफिले को रोक कर उनसे आगे नहीं जाने का आग्रह किया था. पप्पू यादव को किसी ने गाली नहीं दी बल्कि बंद समर्थकों ने उन्हें भैया भैया कहकर बंद के दौरान आगे नहीं जाने का आग्रह किया.. उनकी गाड़ियों पर कोई हमला नहीं हुआ. कोई तोड़फोड़ नहीं हुई . उनके मोबाइल नष्ट किये जाने की खबर झूठी है. ये दावा किया है मुजफ्फरपुर पुलिस ने. मुजफ्फरपुर एसएसपी ने सवाल किया है कि पप्पू यादव के ऊपर जो हमला हुआ था ,उसका विडियो दिखायें क्योंकि पुलिस के पास जो विडियो है, उसके अनुसार उनके साथ न तो बंद समर्थकों की झड़प हुई और ना ही उनके ऊपर हमला. एसएसपी ने पूछा है कि उनकी किस गाडी के शीशे तोड़े गए ,कहाँ हैं वो गाड़ियाँ, मीडिया को क्यों नहीं दिखाया? कहाँ है उनका टुटा हुआ मोबाइल, उसे मीडिया को क्यों नहीं दिखाया? एसएसपी ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही आईजी सुनील कुमार और उन्होंने पप्पू यादव से बात की. जिस तरह के हमले की बात वो कर रहे हैं, उसका कोई निशाँ अभीतक घटनास्थल से नहीं मिला है.

गौरतलब है कि सांसद पापपू यादव ने मीडिया के सामने बच्चों की तरह रोते बिलखते हुए अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले की कहानी सुनाई थी. उन्होंने कहा कि उनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ. हमलावरों के हाथ में लाठी-भाले और बन्दूक थे. उन्होंने उन्हें जान से मारने की कोशिश की. पप्पू यादव ने मीडिया से रोते हुए ये भी कहा कि अगर सीआर्पीएएफ़ के जवान नहीं होते तो उनकी हत्या हो जाती.उन्होंने यहाँ तक आशंका जाहिर कर दी कि हमलावर बालिका गृह कांड के प्रमुख अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर के गुंडे हो सकते हैं. पप्पू यादव इतने डरे सहमे दिखे जिस तरह से रोते बिलखते नजर आये ,ये कहना बड़ा मुश्किल है कि उनके साथ कुछ बुरा नहीं हुआ. लेकिन एसएसपी ने जो विडियो बंद समर्थकों द्वारा उन्हें रोके जाने का जारी किया है, उसके अनुसार तो कुछ हुआ ही नहीं. फिर सबसे बड़ा सवाल कि पप्पू यादव ने हमले का और डरे होने का ड्रामा किया. अगर ये एक्टिंग था तो पप्पू यादव को तो बॉलीवुड में होना चाहिए था, राजनीति में वो क्या कर  रहे हैं?

लेकिन सिटी पोस्ट लाइव पुलिस के इस आरोप की सत्यता की पुष्टि नहीं करता कि पप्पू यादव पर हमला नहीं हुआ .पप्पू यादव ने हमला होने और रोने का एक्टिंग किया. क्योंकि सच्चाई तो जांच के बाद ही सामने आयेगी कि पुलिस अपने निक्कमेपन पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है या फिर पप्पू यादव एक्टिंग कर रहे हैं. सच्चाई का पता करना ज्यादा मुश्किल नहीं है. पुलिस उनकी सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवानों से कड़ी पूछताछ कर सच्चाई का कुछ घंटों में खुलासा कर सकती है. फिर एक बड़ा सवाल कि अबतक पुलिस ने सच्चाई सामने लाने के लिए उनके सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ क्यों नहीं किया?

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