बाल सुधार गृह में किशोर ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा ‘मुझे लड़की ने फंसाया है’
सिटी पोस्ट लाइव : जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र स्थित घाघीडीह बाल सुधार गृह में 17 वर्षीय गौरव वर्मा नामक किशोर ने फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली. गौरव पर बलात्कार करने का आरोप था. इस बाल कैदी ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें पुलिस को दोषी ठहराते हुए लिखा है कि मैं बेकसूर हूं. मुझे जबरन लड़की ने फंसाया है. पुलिस ने मुझे जबरन बलात्कार के मामले में फंसा दिया है. साथ ही मम्मी-पापा और अपने दोस्तों से माफी मांगते हुए अलविदा लिखा है. वहीं पुलिस भी सुसाइड नोट नहीं दिखा रही है.
घटना के बाद वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों में हड़कम्प मच गया है. सूचना मिलते ही घाघीडीह बाल सुघार गृह में जेलर, एसडीएम, एसपी समेत कई पुलिस अधिकारी पहुंचे. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. बताया जाता है कि 6 महीने पहले मानगो गौड़ बस्ती के रहने वाले गौरव कुमार नामक एक युवक को एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तत्कालीन उलीडीह थाना प्रभारी मुकेश कुमार द्वारा गिरफ्तार किया गया था.
वैसे उस मामले में कुछ और युवकों की भी गिरफ्तारी हुई थी जिसे 2 महीने पहले साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था. इधर इस कैदी के परिजन लगातार न्याय की गुहार लगाते रहे, लेकिन आरोप लगाने वाले लड़की के परिजन का दिल नहीं पसीजा.नतीजा आज इस बाल कैदी ने खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए आत्महत्या का रास्ता चुना और फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.
इधर बाल कैदी के आत्महत्या किए जाने की सूचना मिलते ही पूरा प्रशासनिक महकमा घाघीडीह बाल सुधार गृह पहुंचा और मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा किया है, और कहा है कि मेरे बेटे की मौत का जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ पुलिस है. साथी लड़की के पिता पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि लड़की का पिता एक लाख रूपए की मांग कर रहा था. जब पैसा नहीं दिया तो लड़की ने जबरन फंसा दिया.
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