सिटी पोस्ट लाइव : नीतीश सरकार ने भर्ष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कारवाई की है.बिहार की राजधानी पटना में स्पेशल विजिलेंस टीम ने बिहार सरकार के एक बड़े अधिकारी के घर और कई ठिकानों पर छापेमारी की. ये छापेमारी देर रात तक चलती रही. इस छापेमारी में टीम को अब तक 1.35 करोड़ की रुपये की अधिक संपत्ति के बारे में जानकारी मिली है. स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) के आइजी रत्न संजय ने छापेमारी की पुष्टि की है. जानकारी के अनुसार एसवीयू टीम ने उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक संजय कुमार सिंह के कार्यालय और आवास पर दबिश दी। देर रात तक कार्रवाई चलती रही.
एसवीयू की टीम ने सबसे पहले विकास भवन स्थित उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक संजय कुमार सिंह के कार्यालय की तलाशी ली। वहां से जरूरी दस्तावेज लेने के बाद टीम उनके बोरिंग रोड के आनंदपुरी स्थित मकान पर पहुंची. घर की तलाशी के दौरान टीम ने उनके बैंक खाते के पासबुक आदि जब्त किए, जिससे मालूम हुआ कि 11 साल से संजय ने अपनी सैलरी अकाउंट से महज आठ लाख रुपये की निकासी की है, जो प्रतिमाह औसतन 6500 रुपये है. जबकि वर्ष 2015-16 में उन्होंने खाते से एक भी रुपये नहीं निकाले और 2016-17 में मात्र 500 रुपये की निकासी की. इस तरह विभाग यह मानकर चल रहा है कि संजय कुमार सिंह भ्रष्टाचार की काली कमाई के बूते ही जिंदगी जी रहे हैं.
गौरतलब है 2016-17 तक उन्होंने सरकार से लगभग 1.35 करोड़ रुपये लिये. इसके अनुसार वह 16 लाख रुपये तक बचत कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने 800 गुणा अधिक संपत्ति बनाई. एसवीयू की टीम उनकी अन्य संपत्तियों के बारे में पता लगा रही है. पत्नी और बच्चों के नाम पर खरीदी गई चल-अचल संपत्ति के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है.
सिटी पोस्ट लाइव के अनुसार संजय सिंह के ससुर एक राजनेता थे. वो राघोपुर से कईबार लालू यादव के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं.अभी कुछ ही दिनों पहले उनका निधन हो गया था. अभीतक श्राद्ध कर्म भी नहीं हुआ है. संजय सिंह वैसे तो उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक के पद पर तनिअत हैं. बिहार राज्य खादी ग्रामो-उद्योग के अतिरिक्त प्रभार में भी थे.नीतीश सरकार का भर्ष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ी कारवाई है.
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