रांची: झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड में दशक पहले हुई अवैध बहालियों का अब पर्दाफाश हो रहा है। अफसरों ने मनमानी कर आंतरिक कोटे से वर्ष 2007, 2008 और 2009 में कुल 48 इंजीनियरों की विभिन्न पदों पर बहाली की थी। इन बहालियों में निर्धारित नियमों, प्रक्रियाओं और आरक्षण संबंधी प्रावधानों की अनदेखी की गई। जूनियर इंजीनियर से लेकर ऊपर के सभी पदों पर इस दौरान की गई नियुक्तियां अवैध पाई गई है। आश्चर्यजनक यह भी है कि किसी भी स्तर पर तत्कालीन झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड के अधिकारियों ने इस घपले की जांच कराने की जरूरत नहीं समझी, जबकि इसका बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था। यह भी आरोप लगे थे कि आंतरिक बहाली में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। खैर, इस बहाली घोटाले के दस साल के बाद 15 अक्टूबर 2018 को जांच के लिए वरीय अधिकारियों की टीम गठित की गई। लगभग आठ माह लंबी तफ्तीश से यह खुलासा हुआ कि 48 इंजीनियरों की बहाली के लिए अपनाई गई पूरी प्रक्रिया सरासर गलत थी। तमाम नियुक्तियों को जांच टीम ने अवैध करार दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी 48 इंजीनियरों की नियुक्तियों को नियुक्ति की तिथि से रद करने का आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के बाद सबकी नौकरी जाएगी और वे पूर्व में जिन पदों पर काम कर रहे थे वहां तैनात किए जाएंगे। इनमें से कई रिटायर भी हो चुके हैं। रिटायर हो चुके लोगों से वेतन वापस लेने की भी कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा उनका पेंशन रिवाइज होगा। राज्य ऊर्जा विकास निगम ने अवैध नियुक्ति के दायरे में आए तमाम इंजीनियरों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष मांगा है। इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है। इस अवधि में अगर जवाब नहीं आए तो यह माना जाएगा कि उन्हें इस कार्रवाई के संबंध में कुछ भी नहीं कहना है।
जांच के दायरे में आएंगे तत्कालीन अफसर भी
इस पूरे प्रकरण में स्थापित नियमों को दरकिनार कर नियुक्तियां करने वाले अफसरों पर भी गाज गिरेगी। इसमें तत्कालीन निदेशक (कार्मिक) वाइपी रजक (रिटायर्ड), तत्कालीन सचिव आरपी सिन्हा समेत अन्य अधिकारी शामिल हैं।
कब-कब कितनी बहालियां हुईं
-2007 : 09 जूनियर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (सामान्य), 04 जूनियर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (जीटीओ), 01 जूनियर इंजीनियर (सिविल), 01 सहायक विद्युत अभियंता (सामान्य)।
-2008 : 24 जूनियर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (सामान्य), 01 जूनियर इंजीनियर (सिविल), 03 सहायक विद्युत अभियंता (सामान्य), 03 सहायक कार्यपालक अभियंता (जीटीओ)।
-2009 : 02 जूनियर इंजीनियर (सामान्य)।
किसने की जांच
-ए नटराजन, अपर पुलिस महानिदेशक (निगरानी एवं सुरक्षा), जांच कमेटी के अध्यक्ष
-रमेश ठाकुर, अभियंता प्रमुख
-राकेश रौशन, महाप्रबंधक (मानव संसाधन)
-जयंत प्रसाद, उप महाप्रबंधक (कार्मिक)
-अनिल कुमार भारतीयम, उप महाप्रबंधक (कार्मिक)
-अरविंद कुमार, विधि पदाधिकारी
इन बिंदुओं पर हुई जांच
-तत्कालीन राज्य विद्युत बोर्ड में लागू अर्हता, आरक्षण संबंधी नियमावली के अनुपालन पर किसी प्रकार की ढील प्रदान कर नियुक्ति की गई है अथवा नहीं?
-जिन कर्मियों का नियम उल्लंघन कर नियुक्ति की गई उनको चिह्नित करना।
-क्या इन्हें पदों से हटाया जाना नियमानुकूल होगा? नियुक्ति में इनकी क्या भूमिका थी?
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