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“विशेष” : सहरसा में नहीं थम रहा अवैद्य शराब का कारोबार, बरामदगी का दौर बदस्तूर जारी

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“विशेष” : सहरसा में नहीं थम रहा अवैद्य शराब का कारोबार, बरामदगी का दौर बदस्तूर जारी

सिटी पोस्ट लाइव : इसमें अब कहीं से कोई शक-शुब्बा नहीं है कि सहरसा शराब का हब, जंक्शन और सबसे बड़ा कारोबार का जिला बन चुका है। शराब बरामदगी के लिए पुलिस और उत्पाद विभाग दोनों हांफते दिख रहे हैं। खेप में शराब बरामद हो रही है लेकिन यह कारोबार मंदा होने की जगह और निखरता ही जा रहा है। बीते तीन महीनों के भीतर शराब बरामदगी और कारोबारियों की गिरफ्तारी के आंकड़ों पर गौर करें तो,तीस हजार लीटर से ज्यादा शराब की बरामदगी और तेईस लोगों की गिरफ्तारी हुई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस या उत्पाद विभाग की टीम जब इतनी मात्रा में शराब बरामद कर रही हैं,तो फिर कारोबारी, इस कारोबार से तौबा क्यों नहीं कर रहे हैं ? सूत्रों के आधार पर हमें जो जानकारी उपलब्ध हुई है, उसके मुताबिक पहले और दूसरे स्तर के शराब माफियाओं की सांठगांठ पुलिस और उत्पाद विभाग से है। उनका कारोबार लाखों और करोड़ों में है।

उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। बरामदगी वैसे थोक शराब की हो रही है जिनकी जानकारी पुलिस और उत्पाद विभाग को नहीं देकर कारोबारी अपना धंधा छुपे-रुस्तम चलाना चाह रहे हैं। बीती रात सहरसा में उत्पाद विभाग द्वारा सहरसा के जगह-जगह पर छापेमारी की गई जिसमें भारी मात्रा में शराब बरामद हुई और एक कारोबारी भी उत्पाद विभाग के हत्थे चढ़ा। उत्पाद विभाग ने बीती रात सहरसा जिले के महिषी इलाके, सदर थाना क्षेत्र के हटिया गाछी, सोनवर्षा कचहरी सहायक थाना के भरौली गांव में जबरदस्त छापामारी की।उत्पाद अधीक्षक अशरफ जमाल ने बताया कि भरौली गाँव से 184 कार्टून अंग्रेजी शराब (7260 बोतल करीब 1620 लीटर) बरामद की गई। इस बरामदगी के दौरान भरौली गाँव से एक कारोबारी रोहित कुमार सिंह की गिरफ्तारी में भी उन्हें कामयाबी मिली है।

वाकई हम इस बरामदगी पर उत्पाद अधीक्षक अशरफ जमाल सहित पूरी टीम को बधाई देते हैं, लेकिन इस आलेख के माध्यम से हम सरकार को बताना चाहते हैं कि कोसी क्षेत्र में पहले से इतनी शराब जमा है कि पूरे बिहार को कई वर्षों तक शराब पिलाई जा सकती है। बिहार में शराबबंदी का असली साईड इफेक्ट यह है कि शराब का अवैद्य कारोबार जमकर हो रहा है जिसमें उत्पाद विभाग, पुलिस और शराब माफिया खूब मालामाल हो रहे हैं। शराब का कारोबार अभी धन कुबेर बनाने का सबसे बेहतरीन जरिया बना हुआ है। पूरे बिहार में सबसे ज्यादा शराब की बरामदगी सहरसा में हो रही है लेकिन फिर भी यह धंधा रुक नहीं रहा है। जाहिर सी बात है कि निचले स्तर के माफिया जो बिना लेन-देन के धंधा चलाना चाह रहे हैं, वे गिरफ्त में आ रहे हैं। और जिनकी बैठकी साहबों के साथ होती है,वे सभी धन की दरिया में गोते लगा रहे हैं।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट

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