सिटी पोस्ट लाइव : उत्तर प्रदेश के एक बड़े अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey Encounter) के खौफ से लोग आजाद हो गए हैं.लेकिन विकास दुबे(Vikas Dubey Kanpur Wala) की जिंदगी से जुड़े कई फैक्ट्स लगातार सामने आ रहे हैं.पुलिस के निशाने पर विकास दुबे के चार ‘खजांची’ हैं जो देखते ही देखते करोड़पति बन बैठे हैं.जय बाजपेई समेत विकास दुबे के चार मैनेजर उसकी काली कमाई को वाइट मनी में तब्दील करते थे.
मामले की जांच कर रही एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार बिकरू में विकास दुबे के साथ पुलिस की हुई भयानक मुठभेड़ से पहले इन मैनेजरों के पास विकास दुबे के तकरीबन 18 करोड़ रुपये थे, जिसे ये अब हजम कर गए हैं. कहा जाता है कि ये 18 करोड़ रुपये ब्याज पर लगाए गए थे जिससे हर महीने 55 लाख रूपया ब्याज आता था.आधी रकम विकास दुबे को भेजी जाती थी और बाकी की रकम से चारों मैनेजर अय्याशी करते थे.
कहा जाता है कि विकास दुबे का रहने का ढंग बहुत सामान्य था लेकिन उसकी असल जिंदगी ऐशो आराम से लबरेज थी.कानपुर के बिकरू गांव में लोगों ने विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद मिठाइयां बांटीं. स्थानीय लोगों ने कहा कि ‘यह पूरा क्षेत्र बहुत खुश है. ऐसा लगता है कि आखिरकार हम आजाद हो गए हैं. यह आतंक के एक युग का खात्मा है. हर शख्स आज बहुत खुश है.स्थानीय लोगों के अनुसार विकास शुरू से ही क्रूर था. 1990 में विकास ने अपने पिता के अपमान का बदला लेने के लिए पास के ही डिब्बा नवादा गांव में घुसकर लोगों की पिटाई की थी.
ग्रामीण बताते हैं कि 1992 में गांव में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. विकास ने यहां खूब कहर बरपाया था. कई लोग अपनी याददाश्त खो बैठे. कई सदमे में चल बसे.क्षेत्र में स्थित फैक्ट्रियों से वसूली हो या फिर चलते ट्रकों को लूटना, विकास दुबे की जिंदगी का यह आम किस्सा था.कुछ वक्त पहले गांव में पानी के नल नहीं थे. मजबूरन लोगों को विकास दुबे के घर के करीब बने कुएं से पानी लेने आना पड़ता था. इसके लिए बाकायदा विकास दुबे इजाजत देता था. कहा जाता है कि ऐसा न करने पर वह लोगों की बुरी तरह से पिटाई करता.
नोटबंदी के वक्त विकास दुबे ने ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए कई लोगों का सहारा लिया. उसने वर्ष 2016 में 8 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच अपने बैंक अकाउंट्स में साढ़े तीन लाख रुपये जमा कराए. यही नहीं, उधर जय बाजपेई की पत्नी के बैंक अकाउंट्स से भी लाखों रुपये ट्रांसफर किए गए. जय बाजपेई ने नोटबंदी के दौरान 14 लाख रुपये वाइट कराए थे.
विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब पुलिस उसकी मदद करने वाले हर शख्स की तलाश में जुट गई है. अधिकारी जहां एनकाउंटर के बाद तैयार कराए जा रहे दस्तावेजों की निगरानी में जुटे हैं. सर्विलांस पर रखे गए तकरीबन 2500 मोबाइल नंबरों पर भी उनकी नजर है. इन सबके इतर मुख्यमंत्री इस बात की जानकारी करना चाहते हैं कि कुख्यात, दुर्दांत विकास दुबे ने पूछताछ में क्या जानकारी दी है, कौन-कौन उसके संपर्क में था.
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