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पूर्व मेयर हत्याकांड : परिजनों से पूछताछ के बाद खुलेगा राज, दर्ज नहीं हुआ है अभीतक FIR

मुजफ्फरपुर हत्याकांड को लेकर पुलिस मुख्यालय की तरफ से पुलिस से रिपोर्ट तलब किया गया है

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पूर्व मेयर हत्याकांड : परिजनों से पूछताछ के बाद खुलेगा हत्या का राज, दर्ज नहीं हुआ है अभीतक FIR

सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर में रविवार की शाम हुई पूर्व मेयर हत्याकांड को लेकर अभीतक उनके परिजनों ने कोई एफआइआर दर्ज नहीं कराई है. हत्या के बाद समीर सिंह के शव को लेकर सभी परिजन हाजीपुर कोनाहरा घाट पर उनके अंतिम संस्कार के लिए चले गए हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार समीर सिंह को पहले से इस तरह के हमले का कोई अंदेशा नहीं था. अगर कोई अंदेशा होता तो उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की होती. पुलिस का कहना है कि मुजफ्फरपुर में इस तरह के अत्याधुनिक हथियार का इस्तेमाल करनेवाले पांच अपराधिक गैंग हैं. किस गैंग के साथ उनका हाल के दिनों में संबंध खराब हुआ था, उनके परिजन ही बता सकते हैं. पुलिस का कहना है कि परिजनों से ही सही फीडबैक मिलेगा. उसी आधार पर अनुसंधान को आगे बढ़ाया जाएगा. इधर पुलिस मुख्यालय ने मुजफ्फरपुर हत्याकांड पर रिपोर्ट तलब की है. पुलिस सीसीटीवी  फुटेज खंगाल रही है. लेकिन सीसीटीवी में जो हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार हैं ,वो हेलमेट पहने हैं. इसलिए उनकी पहचान में परेशानी हो रही है. पुलिस सूत्रों के अनुसार मर्डर के पीछे अब तक जमीन के सौदों के अलावा और कोई बड़ी वजह नहीं दिख रही है. समीर कुमार राजनेता के साथ-साथ जमीन कारोबारी भी थे. बीजेपी छोड़ कांग्रेस में जाने की तैयारी कर चुके थे.हाल ही में उन्होंने सहारा इंडिया के लैंड की बड़ी डीलिंग की थी.पुलिस सूत्रों के अनुसार शक की सुई  कई लोगों पर जा रही है. तीन संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है. इस हत्या के बाद से समीर कुमार के करीबी  आशुतोष शाही और भूषण झा भी अपराधियों के निशाने पर आ सकते हैं.पूर्व मेयर समीर कुमार मुजफ्फरपुर के जमीन के कारोबारी भी थे. उनके साथ  मुजफ्फरपुर के दो बड़े लैंड ब्रोकर आशुतोष शाही और भूषण शाही भी शामिल रहे हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार अहियापुर इलाके में दरभंगा फोरलेन पर सहारा इंडिया की कई एकड़ जमीन के सौदेबाजी इस हत्या की वजह हो सकती है. सहारा इंडिया ने नुकसान के बाद मुजफ्फरपुर की जमीन का सौदा कई करोड़ में किया था. इस डीलिंग में कई लोग लगे थे लेकिन सफलता समीर कुमार को मिली थी. सहारा इंडिया की इस जमीन को लेकर कई लोगों के साथ समीर सिंह का विवाद भी हुआ था. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के एक पूर्व विधायक के बेटे के साथ लैंड डीलिंग की जांच भी शुरु की गई है. पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्या के मामले में मुजफ्फरपुर के बदनाम कारोबारी सुशील छापडि़या की भूमिका की पुलिस जांच कर रही है. पुलिस ने आधी रात में ही सुशील छापडिया को पूछताछ के लिए कस्टडी में ले लिया है. बहुत कुछ पता चलने की उम्मीद की जा रही है . एसआईटी पूछताछ कर रही है.मुजफ्फरपुर के आईजी सुनील कुमार के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में AK -47 का इस्तेमाल करनेवाले गिरोहों पर पुलिस की नजर है. गौरतलब है कि पुलिस की रिकार्ड शीट में एके – 47 वाले कई गिरोह हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में चुन्नू ठाकुर और अंजनी ठाकुर गिरोह ने एके–47 से बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है. चुन्नू ठाकुर गिरोह ने मोतिहारी के ठेकेदार रामप्रवेश सिंह और अंजनी ठाकुर गिरोह ने बड़े कांट्रैक्टर अतुल शाही को एके – 47 से भून दिया था . अंजनी ठाकुर अब तक नहीं पकड़ा गया है . पुलिस जेल से छूटकर आए अंजनी ठाकुर गिरोह के बद्री ओझा की तलाश में जुटी है. परिवार वालों के अनुसार वह रात को समीर कुमार के पोस्टेमार्टम के वक्त उपस्थित था और दाह संस्कार में भी शामिल होने को गया हुआ है. सीवान वाले अयूब रईस गिरोह के मूवमेंट का भी पता किया जा रहा है .

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