पटना सिटी में एफसीआई का लाखों का अनाज बरामद, कालाबाजारी की थी तैयारी
आलमगंज पुलिस ने 18 5 बोरा अनाज बरामद किया है, गोदाम का मालिक और ट्रक ड्राईवर गिरफ्तार
सिटी पोस्ट लाईव : पटना पुलिस जिला प्रशासन को एक बड़ी कामयाबी मिली है. गुप्त सूचना के आधार पर पटना डीएम के आदेश पर पटना सिटी के महाराजगंज ईलाके के कुछ गोदामों में छापेमारी की . इस छापेमारी के दौरान एक गोदाम से सैकड़ों बोरे एफसीआई के अनाज बरामद हुए हैं. सरकार के एफसीआई गोदाम से ईन निजी गोदामों तक कालाबाजारी के लिए पहुंचे अनाज की पहचान छिपाने के लिए उनके बोरे को यहाँ बदल दिया गया है. यानि पटना सिटी के ईन गोदामों में अनाज को एफसीआई के बोरे से निकाल कर साधारण बैग में डाले जाने का काम होता था ताकि आसानी से उसे बाज़ार पहुँचाया जा सके कालाबाजारी के लिए .लेकिन बैग बदलकर कालाबाजारी के लिए जब अनाज ट्रक पर लोड हो रहा था, पुलिस ने धर दबोचा .
पटना सिटी एसडीओ के अनुसार उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि महाराजगंज में कालाबाजारी के लिए एक ट्रक खाद्यान्न मंगाया गया है जिसे एक गोदाम में रखा जा रहा है. इस सूचना के आधार पर उन्होंने आलमगंज थाने के पुलिस के सहयोग से छापेमारी की. छापेमारी के दौरान ट्रक पर गेहूं और चावल के बोरों को लोड किया जा रहा था . पुलिस ने चावल और गेहूं के बोरों को जप्त कर लिया है और गोदाम के मालिक राजन गुप्ता और ट्रक चालाक को गिरफ्तार कर लिया है. आलमगंज इंस्पेक्टर के अनुसार ट्रक पर 100 बोर गेहूं और 85 बोरा चावल बरामद हुआ है. चावल लगभग 50 क्विंटल है और गेहूं 42 क्विंटल है. पुलिस के अनुसार सभी बोरे ट्रक पर लोड किये जा चुके थे . थोड़ी देर हो जाती तो ट्रक निकल जाता .
अब पुलिस गिरफ्तार राजन गुप्ता से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये अनाज किस एफसीआई गोदाम के हैं. इन्हें गोदाम से लाया गया या फिर ट्रक एफसीआई गोदाम की जगह सीधे अनाज लेकर राजन गुप्ता के गोदाम पर आ गया. आलमगंज इंस्पेक्टर ने कहा कि कई ऐसे बोर बरामद हुए हैं ,जिसके ऊपर एफसीआई के मुहर लगे हैं. उन बोरों से अनाज को सामान्य बैग में पैक कर दिया गया था. यानी इस गोदाम में एफसीआई का अनाज आता था फिर उसे दूसरे बोरों में अनलोड कर कालाबाजारी के लिए भेंज जाता था . कारोबारी और ट्रक मालिक के खिलाफ कारवाई की जाएगी.
एमओ की मानें तो एफसीआई के गोदाम में खाद्यान्न ट्रांसपोर्टिंग के लिए प्रयुक्त सभी गाड़ियों में जीपीएस लगा है. फिर इसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद दोषियों पर कारवाई को लेकर वरीय अधिकारियों को लिखा जाएगा। जब गाड़ियों में जीपीएस लगा है तो गाड़ियों के रूट से अनरूट होते ही इसकी तत्काल सूचना वरीय अधिकारियों को क्यों नही दी गई।
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