370 खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर में ED की बड़ी कार्रवाई, आतंकियों की 7 प्रॉपर्टी जप्त.
सिटी पोस्ट लाइव : जम्मू. जम्मू कश्मीर में धारा -370 (Article 370) के खत्म होने के साथ ही आतंकियों के खिलाफ कारवाई शुरू हो गई है. सोमवार को पहली बार केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए टेरर फंडिंग से जुड़े मामलों में सात प्रोपर्टी को अपने कब्जे में ले लिया. ये सातों प्रोपर्टी कश्मीर में है. ED के जांच अधिकारियों के मुताबिक इस तरह की कार्रवाई पहले आसान नहीं था. धारा 370 के खत्म होने के बाद उनके लिए आतंकियों के खिलाफ कारवाई आसान हो गई है.
. ED की टीम पिछले कुछ समय से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सलाहुद्दीन सहित उसके कई आतंकियों से जुड़े मामले की तफ्तीश में लगी थी.जिन प्रोपर्टी के खिलाफ एक्शन लिया गया है उसके तार मोहम्मद शफी शाह सहित 6 अन्य आरोपियों से जुड़े हैं. ED के जांचकर्ताओं के मुताबिक जिन सम्पतियों का पोसेशन लिया गया है वो बांदीपोरा ,सोपोर , अनंतनाग में स्तिथ है. ईडी की टीम पोसेशन लेने से पहले मौके पर गई, उससे जुड़े लोगों को नोटिस सौंपा उसके बाद एक तारीख मुहैया कराने के बाद ही ये कार्रवाई हुई. ईडी की टीम ने इस मामले में बहुत पहले ही PMLA के तहत ममाले को दर्ज करके तफ़्तीश कर रही थी. जिसमें मोहम्मद शफी शाह सहित अन्य 6 आरोपियों के बारे में जानकारी मिली थी , जिन लोगों का वास्ता आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के साथ जुड़ा हुआ था.
जांच एजेंसी NIA ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है. उसी आरोपपत्र में कई महत्वपूर्ण सबूतों का भी जिक्र है. ED की टीम जब इस मामले में PMLA के तहत मामला दर्ज करके तफ़्तीश शुरू की थी तब कई ऐसी कंपनियों और ट्रस्ट के बारे में जानकारी मिली जो सीधे तौर पर कई आतंकी संगठन के लिए काम करती थी और कंपनी और ट्रस्ट के नाम पर कई आरोपियों के लिए फंड की व्यवस्था करवाती थी.
इसी तफ़्तीश के दौरान जम्मू कश्मीर प्रभावित रिलीफ ट्रस्ट की भी जानकारी मिली. जांच के दौरान पाया गया कि इस ट्रस्ट में भी पाकिस्तान से काफी पैसों का लेनदेन किया गया. उसके बाद उन पैसों का बंदरबांट कश्मीर घाटी के अंदर कई लोगों में हुआ. इस ट्रस्ट में हवाला से जुड़े होने की भी काफी पुख्ता सबूत मिले है. ED ने कई आरोपियों से पूछताछ भी किया.
पूछताछ के दौरान कई आरोपी हवाला कारोबार के आरोप को स्वीकार कर चुके हैं.आतंकियों के परिजनों और कई मृत आतंकियों के परिजनों को इस ट्रस्ट ने पैसे मुहैया करवाया. सहानभूति बटोरकर उन लोगों को आतंकी गतिविधियों में शामिल करवाया. जांच के दौरान ही मोहम्मद सलाउद्दीन के साथ- साथ मुजफ्फर अहमद डार , तालिब लाली ,मुश्ताक अहमद लोन सहित कई आरोपी आतंकियों की जानकारी मिली थी.
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