प्रियंका का कहना है कि उसके साथ छेड़खानी के मामले का अनुसंधान अंचल निरीक्षक अर्थात सर्कल इंस्पेक्टर ने सबसे पहले किया. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में माना है कि अभियुक्त (सीआरपीऍफ़ का सिपाही) और अनुसंधानकर्ता (एस के आई.ओ.) दोनों मिलकर पीड़िता को धमकाया. केस के आई.ओ. ने पीड़ित महिला से रिश्वत माँगा. लेकिन इंस्पेक्टर की इस रिपोर्ट के वावजूद ना तो अभियुक्त गिरफ्तार हुआ और ना ही रिश्वत माँगने के आरोपी केस के आई.ओ. के खिलाफ कोई कारवाई हुई. इसके बाद अचानक सीन में डीएसपी साहब आ धमके और कर दिया एक बड़ा काण्ड. कैसे एक औरत एक बर्दी वाले बड़े गुंडे के निशाने पर आ गई, पेश है सिटी पोस्ट लाईव की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.
सिटी पोस्ट लाइव : जब किसी महिला के साथ छेड़खानी हो तो वह न्याय के लिए कहाँ जायेगी? मुझे पता है आपका जबाब-पुलिस थाने. लेकिन मेरा मानना है-कि केस टू केस जबाब वैरी करेगा. अगर महिला बड़े घर की है तो पुलिस थाना के पास जा सकती है. अगर वह सामान्य वर्ग की है तो उसे पुलिस थाना से बच के रहना चाहिए. आप कहेगें,ऐसा क्यों? आप सबसे पहले एक महिला की कहानी जान लीजिये फिर आपको खुद समझ में आ जाएगा जबाब. प्रियंका (नेम चेंज्ड) पटना के राजीव नगर में ब्यूटी पार्लर चलाती हैं. उनके साथ उनके एक पडोसी सीआरपीएफ के जवान ने छेड़खानी की.प्रियंका तुरत राजीव नगर थाने पहुँच गईं शिकायत दर्ज कराने. शिकायत भी दर्ज हो गई. पुलिस छानबीन करने आरोपी के घर भी गयी. लेकिन वह फरार हो गया.एक साल से ज्यादा हो गया. आज तक वह गिरफ्तार नहीं हुआ. थाने पुलिस का कहना है कि वह मिल नहीं रहा.लेकिन आप सोंचिये -सीआरपीएफ का एक जवान कहाँ चला जाएगा? क्या सीआरपीऍफ़ के बड़े अधिकारियों की मदद से पुलिस उसको नहीं ढूंढ सकती थी ? लेकिन पुलिस ने नहीं ढूँढा. क्योंकि शिकायत करनेवाली महिला बड़े घर की बेटी-बहू नहीं है. वह एक पार्लर चलाती है.
थाने से कुछ नहीं हुआ, प्रियंका निराश हो गई. लेकिन एक दिन रात दस बजे थाने से केस के आइओ का फोन आया .कहा गया कि डीएसपी साहब मामले की जांच पड़ताल खुद करने आपके घर आये हैं. आप घर पहुँच जाइए. रात दस बजे मेरी जैसी एक अकेली रहनेवाली महिला के घर जांच करने रात दस बजे क्यों कोई पुलिस ऑफिसर आएगा? प्रियंका का माथा ठनका. उसने दूसरे दिन आने को कहा. लेकिन आईओ के यह समझाने पर कि बड़े साहब हैं, मना करने पर नाराज हो जायेगें. आपका केस बिगड़ जाएगा, डर से वह पार्लर से घर आ गई.
डीएसपी साहब घर में घुसे.घर का जायजा लिया. फिर घर के साथ उसकी तारीफ़ की.डीएसपी साहब ने कहा-बहुत मेहनत करती हो. घर भी अच्छा बना लिया है. पार्लर चलाती हो ? फिर उसके पीठ पर प्यार से हाथ फेरा और दे दिया एक ऑफर -“मेरा भी ध्यान रखों. मेरे लिए भी कुछ व्यवस्था करो, तुम्हारा सारा कम कर दूंगा.” प्रियंका समझ गई थी साहब का मंसूबा, लेकिन ना समझने का नाटक करते हुए बोली -“साहब मैं आपके लिए क्या कर सकती हूँ. पार्लर चलाकर परिवार पालती हूँ.मेरे पास पैसा नहीं है “. डीएसपी साहब ने अब प्यार की जगह दबाकर पीठ पर हाथ रखा. “समझती क्यों नहीं.पैसा नहीं मेरे लिए भी कोई अच्छी लड़की की व्यवस्था करो.”प्रियंका डीएसपी का हाथ झटक दूर जा खड़ी हुई.साहब ये क्या बोल रहे हैं. मैं वैसी औरत नहीं हूँ. मेरे पार्लर में कोई लड़की काम नहीं करती. मैं तो खुद चलाती हूँ.फिर क्या था डीएसपी साहब ने कह दिया -“कोई बात नहीं तुम खुद आ जाओ,मैं तुम्हारा सारा काम कर दूंगा “.डीएसपी साहब ने खड़े-खड़े मिलन की तारीख भी झट से तय कर दी- “रविवार को मेरे पास आ जाओ, या फिर आईओ को फोन कर जगह बता दो मैं खुद आ जाऊंगा “.
डीएसपी साहब ऑफर देकर घर से निकल गए.साहब अब दरवाजे के बाहर पुलिसकर्मियों के साथ खड़े थे. दरवाजे पर हाथ जोड़े प्रियंका थी. डीएसपी साहब ने इसबार कड़े लहजे में चेतावनी दी -” मैंने जो कहा ,करो,नहीं तो समझो गई काम से.अपने घर की दीवार पर खुदवा लो, एक डीएसपी बोल रहा है. तुम इस घर में नहीं रह पाओगी. प्रियंका स्तब्ध थी क्योंकि वह समझ चुकी थी कि उसे न्याय पाने के लिए डीएसपी के साथ हम-बिस्तर होना पड़ेगा. वह समझ गई थी कि उससे ये उम्मीद इसलिए की जा रही है क्योंकि वह एक पार्लर चलाती है.लेकिन वह झुकी नहीं. एक सप्ताह इंतज़ार के बाद उसे थानेदार ने बताया कि उसने साहब की बात नहीं मानी. इसलिए साहब ने छेड़खानी के केस को जमीन विवाद में बदल दिया है. वह शिकायत लेकर सिटी एसपी के पास पहुंची. सुनवाई नहीं हुई तो डीजीपी को पत्र लिखा .जब वहां से भी कोई जबाब नहीं मिला तो सिटी पोस्ट लाईव के दफ्तर पहुंची. अब तो आपको जबाब मिल गया होगा कि क्यों एक साधारण परिवार की महिला को एक पुलिस वाले के पास नहीं जाना चाहिए.
सिटी पोस्ट लाईव की टीम डीएसपी साहब का पक्ष जानने पहुंची. उन्होंने इस मामले पर प्रतिक्रिया देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि वो उस औरत के घर कभी गए ही नहीं थे. वाह जनाब !आप घर उसके घर नहीं गए थे, उससे मिले भी नहीं थे. फिर क्या आप उसके सपने में आ गए? एक पार्लर चलाने वाली महिला ने वे-वजह आप जैसे बड़े अधिकारी के खिलाफ मोर्च खोल दिया? ये डीएसपी साहब कौन हैं, अब तो आप जान ही गए होंगें. नहीं पहचान पाए? अंदाजा लगाइए. हम तो आपको अब थोड़ी देर में बताएगें, प्रियंका से सेक्सुअल फेवर मांगने का आरोपी पुलिस वाला कौन है? उस महिला का साक्षत्कार दिखायेगें.
सिटी पोस्ट लाईव प्रियंका के आरोपों की पुष्टि नहीं करता. यह रिपोर्ट उसके बयान के आधार पर तैयार की गई है. प्रियंका का साक्षात्कार सिटी पोस्ट लाईव के पास मौजूद है. सिटी पोस्ट लाईव एक महिला की शिकायत को हूँ-बहू अपने पाठकों और बड़े अधिकारियों के सामने प्रस्तुत कर रहा है ताकि मामले की उच्च -स्तरीय जांच हो और सच्चाई सामने आ सके.जांच के बाद जो सच्चाई सामने आयेगी, सिटी पोस्ट लाईव उसे भी प्राथमिकता के साथ प्रकाशित करेगा.