सृजन घोटाले में फंसे भागलपुर के तत्कालीन DM पर 12 करोड़ के घोटाले का आरोप.
सिटी पोस्ट लाइव : सृजन घोटाले में फंसे भागलपुर के तत्कालीन डीएम वीरेंद्र प्रसाद यादव पर सीबीआई का शिकंजा कस गया है. डीएम वीरेंद्र यादव पर करीब ₹12 करोड़ 20 लाख 15 हजार की सरकारी राशि का घोटाले का आरोप है. आईएएस अधिकारी बिरेंद्र प्रसाद यादव वर्तमान में पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के विशेष सचिव के पद पर कार्यरत हैं.सीबीआई के द्वारा कोर्ट में दायर आरोप पत्र के अनुसार सृजन महिला विकास सहयोग समिति के तत्कालीन संयोजक मनोरमा देवी के साथ मिलीभगत कर घोटाले को अंजाम देने का आरोप है. तत्कालीन डीएम पर आरोप है कि उन्होंने सरकार के पुराने बैंक खाते को बंद कराकर नया खाता खुलवाने का आदेश जारी कर दिया.
गौरतलब है कि सरकारी पुराना खाता पंजाब नेशनल बैंक और ओरिएंटल बैंक में वर्ष 2008 और 10 से ही था. तत्कालीन डीएम वीरेंद्र प्रसाद यादव ने दोनों बैंक खाते को बंद करा दिया और नया खाता खुलवाने का प्रस्ताव तक नाजिर से मांग लिया.डीएम ने 26 सितंबर 2014 को इंडियन बैंक में नया खाता खोलने की अनुमति दे दी.नया खाता जिला अधिकारी के नाम से खुला.नया खाता खुलते ही पुराने खाते को बंद करा दिया गया.
न्य अकाउंट खोलवाने के बाद उसमे एक बड़ी राशि डलवाया. एकसाथ ज्यादा रकम भेंजे जाने पर बैंक के कुछ अधिकारियों ने इस पर आपत्ति जताई थी लेकिन इसके बावजूद इसके सृजन के खाते में रुपए डलवाया गया. घोटाले को अंजाम तक पहुंचाने में कैश बुक का भी स्थानांतरण कराया गया. कैशबुक पहले जिला विकास शाखा में रहता था लेकिन डीएम ने इसे नाजिर शाखा में करवा दिया सीबीआई ने जांच में पाया है कि तत्कालीन डीएम ने सृजन की सर्वेसर्वा मनोरमा देवी से मिलकर ₹12 करोड़ से अधिक का घोटाला किया है.
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