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शराब पर डीजीपी की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, मछली नहीं मगरमच्छ का होगा शिकार

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शराब पर डीजीपी की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, मछली नहीं मगरमच्छ का होगा शिकार

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने शराबबन्दी को सफल बनाने के लिए,अबतक की सबसे बड़ी कारवाई करते हुए, अपना शख्त मंसूबा साफ कर दिया है ।बेखौफ होकर शराब परोसने वाले एक बड़े पुलिस अधिकारी के करीबी रिश्तेदार के ढ़ाबे पर छापामारी की गई, जहाँ से शराब की बड़ी खेप के साथ पाँच लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। इस छापेमारी ने यह साफ कर दिया है कि डीजीपी ने अब मगरमच्छ के शिकार के लिए अपनी कमर पूरी तरह से कस ली है । बिहार में शराबबन्दी को सफल बनाने के लिए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ब्रांड एम्बेसडर बनकर,राज्य के विभिन्य जिलों में घूम-घूम कर, जागरूकता के लिए सभाएं करने के साथ-साथ जन चौपाल लगा रहे हैं ।

लेकिन सरकार की ईच्छा और उनके प्रयासों को शराब माफिया और कारोबारी,लगातार पलीता लगा रहे हैं ।लेकिन 18 मार्च की देर शाम डीजीपी ने वैशाली जिले के हाजीपुर के सराय थाना क्षेत्र के ललन सिंह ढ़ाबे पर छापेमारी कर भारी मात्रा में ना केवल शराब की बरामदगी की बल्कि मौके से पाँच लोगों को हिरासत में भी लिया ।यूँ तो बिहार के सभी जिलों से शराब बरामदगी की खबर आती रहती हैं ।लेकिन यह छापामारी बेहद खास मानी जा रही है ।ललन सिंह ढ़ाबा,एक बड़े पुलिस अधिकारी के करीबी रिश्तेदार का बताया जा रहा है ।

ललन सिंह ढ़ाबा पर शराब बिना किसी खौफ और भय के शराबियों के बीच परोसा जाता था ।जब बड़े पुलिस अधिकारी का रिश्तेदार ढ़ाबा चला रहा हो,तो वहाँ जाम छलकाने का मजा ही कुछ और था ।लेकिन इस बात की भनक आखिरकार डीजीपी को लग गयी ।और फिर 18 मार्च की देर शाम वह घटना घट गई,जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी । इतनी बड़ी कामयाबी के बाद डीजीपी ने अचानक सराय थाने पर हमला बोल दिया ।डीजीपी के थाना पहुँचने की सूचना मिलते ही,अपनी गीली पतलून के साथ थानाध्यक्ष रंजीत महतो थाना से फरार हो गए ।लेकिन थाने में डीजीपी की मौजूदगी से पूरा पुलिस महकमा थर्रा गया ।देखते ही देखते एसपी गौरव मंगला सहित सारे वरीय अधिकारी,थाना पहुँच गए ।डीजीपी ने सरिस्ता से लेकर थाने के सारे काम-काज का मूल्यांकन किया और तत्काल प्रभाव से थानाध्यक्ष रंजीत महतो को निलंबित कर दिया ।

हमने डीजीपी से यह जानना चाहा कि यह हाईप्रोफाइल ढ़ाबा किस अधिकारी के रिश्तेदार का है ?इसका जबाब डीजीपी ने बेहद तल्ख लहजे में देते हुए कहा कि ये हाईप्रोफाइल क्या होता है? शराब के कारोबार में एसपी, डीएम, आईजी, कमिश्नर, नेता, चाहे कितना भी बड़ा से बड़ा आदमी क्यों ना हों ?वह उनकी और कानून की नजर में सिर्फ गुनहगार हैं ।ऐसे लोगों को किसी भी सूरत में बख्सा नहीं जाएगा ।हांलांकि डीजीपी ने ढ़ाबा संचालक के रसूखदार रिश्तेदार का नाम तत्काल नहीं बताया ।लेकिन इतना जरूर कहा कि निलंबित थानेदार को अगले 10 साल तक थानेदारी नहीं मिलेगी और विभागीय कारवाई के तहत उन्हें सेवा से बर्खास्त भी किया जा सकता है। डीजीपी की मौजूदगी तक सारे पुलिस वालों के पसीने छूटते रहे ।जाते-जाते डीजीपी ने एसपी,एसडीपीओ और इंस्पेक्टर को कई निर्देश दिए ।

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इस कारवाई के साथ बड़ी मछली और मगरमच्छ को दबोचना शुरू कर दिया है ।डीजीपी के तेवर से साफ पता चल रहा है कि अब वे थमने और रुकने वाले नहीं हैं ।कयास यह लगाया जा रहा है कि इस मार्च क्लोजिंग में कई बड़े शराब माफियाओं की भी क्लोजिंग होनी तय है ।इस छापामारी की पूरी तस्वीर साफ होने पर ही पता चल सकेगा कि किस साईज का मगरमच्छ दबोचा गया है ।वैसे इस कारवाई की धमक पूरे बिहार में गूंज रही है ।

सिटी पोस्ट लाइव के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की स्पेशल रिपोर्ट

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