City Post Live
NEWS 24x7

बाढ़ राहत के नाम पर करोड़ों की लूट, प्रभावितों की सूची में जोड़े गए 38,863 फर्जी परिवार

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव: बिहार में किस तरह से बढ़ रहत के नाम पर करोड़ों-हजारों करोड़ का गड़बड़झाला होता है, इसका एक छोटा सा नमूना भोजपुर जिले में सामने आया है.अधिकारियों ने फर्जीवाड़ा कर बाढ़ प्रभावित सूची में 38863 फर्जी परिवारों के नाम दर्ज कराकर करोड़ों रुपए हजम कर लिया. इन 38863 फर्जी परिवारों में अधिकांश ने सरकार से प्रति परिवार मिलने वाली 6000 ₹ की बाढ़ सहायता राशि भी ले ली. फर्जीवाड़े में अधिकांश एक ही परिवार में कई लोगों के नाम, नाबालिग, अविवाहित, बाहर रहने वाले यहां तक कि बिहार से बाहर रहने वालों का नाम भी शामिल है.

इस फर्जीवाड़े में पैसा और पैरवी का खेल हुआ. इसे अंजाम दिया सूची बनाने से लेकर डाटा इंट्री करनेवाले लोगों ने. पंचायत और प्रखंड स्तर की अनुश्रवण समितियों ने भी इसे पारित कर दिया. इस साल 2021 में संभावित बाढ़ के लिए बन रही बाढ़ प्रभावित सूची को सम्पूर्ति पोर्टल पर अपडेट करने के दौरान 6 प्रखंडों में के बारे में ये बड़ा खुलासा हुआ है. यह फर्जीवाडा़ सामने आते ही सूची से सभी फर्जी लोगों का नाम हटा दिया गया है. नई सूची अपडेट होने के बाद अब कुल बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 1,47,711 से घटकर 1,08848 रह गई है.

वर्ष 2019 में बाढ़ प्रभावित सूची में नाम लिखाने के लिए सूची में नाम लिखने से लेकर डाटा एंट्री तक ₹3000 दो और बाढ़ राहत में ₹6000 ले लो… का फॉर्मूला अपनाया गया था. जिन फर्जी लोगों ने ₹3000 दिए उनके नाम जोड़ दिए.नई सूची में वैसे लोगों के भी नाम हटाए गए, जिनकी मृत्यु हो गई, आधार कार्ड मैच नहीं हुआ या बाहर रहना प्रमाणित हुआ. आरा और उदवंतनगर के अंचलाधिकारी ने सम्पूर्ति पोर्टल से गलत लोगों का नाम हटाए जाने की पुष्टि की है. दोनों ने कहा कि इस मामले में वरीय अफसरों का जो निर्देश आएगा, उसके अनुसार कार्यवाही किया जाएगा.

बाढ़ राहत अनुदान देने के लिए अपडेट किए जा रहे सम्पूर्ति पोर्टल के दौरान सबसे ज्यादा फर्जी नाम बड़हरा प्रखंड में मिले हैं. बड़हरा में 15920, शाहपुर में 14848, आरा में 4920, उदवंतनगर में 2790, बिहिया में 200 और कोईलवर में 185 फर्जी नाम मिले हैं. सूत्रों के अनुसार फर्जी लाभुकों में से यदि 20,000 लाभुकों को भी 6000 प्रति परिवार की दर से भुगतान किया गया है तो लगभग 12 करोड़ रुपए का गलत भुगतान किया गया है. इसलिए मामले की जांच जरूरी है.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

Comments are closed.