समझदार पुलिस की नासमझी, अंग्रेजी में लिखे कोर्ट ऑर्डर को समझ बैठी गिरफ़्तारी वारंट
अंग्रेजी में लिखा कोर्ट आर्डर नहीं समझ सकी, बेकसूर को भेजा जेल
समझदार पुलिस की नासमझी, अंग्रेजी में लिखे कोर्ट ऑर्डर को समझ बैठी गिरफ़्तारी वारंट
सिटी पोस्ट लाइव : वैसे तो पुलिस किसी घटना के बाद देर से पहुंचने के लिए, अपराधियों से साठ-गांठ कर चांदी काटने के लिए और वर्दी की धौंस दिखाकर वसूली के लिए बदनाम है। हांलाकि पूरा पुलिस महकमा ऐसा नहीं है लेकिन कुछ पुलिसवालों के रवैये से तो महकमे की बदनामी होती हीं है। अगर बिहार पुलिस की की बात करें तो इन दिनों शराबबंदी वाले बिहार की पुलिस शराब तस्करों से सांठ-गांठ के लिए बदनाम है। लेकिन खबर शराब से जुड़ी हुई नहीं है। दरअसल मामला जहानाबाद का है। जहां पुलिस गलती से ऐसी मिस्टेक कर गयी है कि एक बेकसूर को रात भर हवालात की हवा खानी पड़ी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बिहार के जहानाबाद से जो खबर सामने आ रही है उसने बिहार पुलिस के अंग्रेजी ज्ञान को भी सवालों के घेरे में डाल दिया है। दरअसल मामला जहानाबाद जिले के मखदुमपुर बाजार के रहने वाले व्यवसायी नीरज कुमार से जुड़ा है। नीरज कुमार पुलिस के बलंडर मिस्टेक के शिकार हो गये। बिहार की जहानाबाद पुलिस ने अंग्रेजी में लिखे कोर्ट के आदेश को गिरफ्तारी वारंट समझ लिया और व्यवसायी नीरज कुमार को गिरफ्तार कर हवालात ले आयी। रात भर नीरज को पुलिस ने हवालात में रखा और अगले दिन उसे पटना स्थित फैमिली कोर्ट ले गयी।
दरअसल नीरज कुमार का उनकी पत्नी से पिछले छह वर्षों से विवाद चल रहा है। उसी के जीवनयापन भत्ता के लिए कोर्ट से उनकी संपत्ति के विवरण के लिए स्थानीय थाना में वारंट आया था, जिसे वहां तैनात अधिकारियों और पुलिस कर्मियों ने गिरफ्तारी वारंट समझ लिया और पच्चीस नवंबर को दुकान पर आकर गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान नीरज लाख मिन्नत करते रहे, लेकिन इसके बावजूद पुलिसवालों ने एक न सुनी और गिरफ्तारी के बाद हथकड़ी लगा कर नीरज को हवालात में डाल दिया. वो तो भला हो कोर्ट का, जिसने पुलिस की इस कार्यशैली को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए गिरफ्तार युवक को तत्काल रिहाई का आदेश दिया. बहरहाल इस घटना के बाद न सिर्फ पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आयी है बल्कि सुशासन वाली पुलिस को अंग्रेजी कितना ज्ञान है उसकी भी वानगी देखने को मिली है।
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