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जज से फ्लैट के नाम पर ठगी, 29. 5 लाख लेकर फरार हो गया बिल्डर

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सिटी पोस्ट लाइव : रेरा के गठन के वावजूद राज्य में बिल्डरों द्वारा ग्राहकों को छले जाने का गोरखधंधा जारी है.छले जानेवाले केवल आम ही नहीं बल्कि खास भी हैं.पटना के एक बिलादर ने तो एक जज साहेब को ही चुना लगा दिया.इस बिल्डर को रांची से पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अपनी कंस्ट्रक्शन साइट को दिखाकर इस बिल्डर ने पूर्वी चंपारण के अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश (ADJ) कृष्ण मोहन तिवारी के साथ ठगी की. फ्लैट के नाम पर उनसे 29.50 लाख रुपए ठग लिए. इसके बाद वो पटना से गायब हो गया। अपने मोबइल नंबर को भी बंद रखने लगा.

थक हार कर जज साहब को पटना के शास्त्री नगर थाना में FIR दर्ज करानी पड़ी. मामले की जांच करते हुए थानेदार राम शंकर ने अपनी एक टीम को पटना से झारखंड भेजा। रांची के बरियातू इलाके में छापेमारी कर बिल्डर अरविंद कुमार ठाकुर को गिरफ्तार किया. ठगी के इस खेल में अरविंद की पत्नी शशिकला ठाकुर भी शामिल है.दरअसल, ठगी के इस खेल की शुरूआत तब हुई, जब कृष्ण मोहन तिवारी रोहतास में फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट थे. उसी दरम्यान सासाराम स्थित उनके घर पर अर्जुना होम्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अरविंद कुमार ठाकुर अपनी पत्नी के साथ मिलने पहुंचे थे. उन दोनों ने उस वक्त बताया था कि पटना में शास्त्रीनगर के पटेल नगर इलाके में रामेश्वर नाम से अपार्टमेंट बन रहा है. उसमें एक फ्लैट बुक कराने के लिए बात की थी.

जज साहेब को बताया था कि प्रोजेक्ट को पूरा करने का काम बहुत तेजी से चल रहा है. 2014 में उसे हैंड ओवर कर देंगे. बिल्डर का ऑफिस भी उस दरम्यान प्रोजेक्ट वाले इलाके में ही था. मगर, गलत नक्शा की वजह से आज तक उनका प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ. अपार्टमेंट के कंस्ट्रक्शन का काम आज भी अधूरा है. पटना नगर निगम ने अलग नक्शा पास किया था जबकि, ये लोग पास नक्शा से अलग काम करा रहे थे.फ्लैट को खरीदने के लिए एलआईसी के हाउसिंग फाइनांस से उस वक्त ADJ कृष्ण मोहन तिवारी को लोन लेना पड़ा था. 39 लाख 35 हजार रुपए पास हुए थे. जिसमें से अलग-अलग किस्तों के तहत अर्जुना होम्स के पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट में रुपयों को जमा किया गया था.

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