लालू यादव की सजा बढाने और डॉ. जगन्नाथ मिश्रा को सजा दिलाने की कोर्ट में अर्जी
सिटी पोस्ट लाइव :चारा घोटाले सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की सजा बढाने के लिए सीबीआई ने रांची हाईकोर्ट में अर्जी दे दी है. दरअसल, सीबीआई को डर है कि कम सजा के कारण जल्दी जेल से बाहर न आ जाएं . इसलिए सीबीआई ने रांची हाई कोर्ट में अर्जी दी है सजा बढाने के लिए. सीबीआई का मानना है कि विशेष अदालत ने देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की जो सजा सुनाई है, वह बहुत कम है.सीबीआई का मानना है कि लालू यादव इससे जयादा सजा के हकदार हैं .
रांची हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में सीबीआई ने कहा है कि विषेष अदालत ने चारा घोटाले के देवघर मामले में सजा सुनाते हुए आरोपियों के लिए अलग – अलग अवधि की सजा सुनाई, जोकि गलत है . सबों के खिलाफ एक जैसा ही आरोप और साक्ष्य था . सो, सजा बराबर होनी चाहिए थी . सीबीआई की राय में सभी सात वर्षों की सजा के हकदार थे, जोकि संबद्ध अपराध की अधिकतम सजा है . पर, विशेष अदालत ने लालू यादव की सजा सात साल की बजाय आधी साढ़े तीन साल कर दी .
गुरुवार को सीबीआई ने रांची हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है . लालू यादव अभी न्यायिक हिरासत में बीमार होने के कारण रांची के रिम्स में इलाज को भर्ती हैं . सीबीआई की नई ख्वाहिश लालू यादव की परेशानी को और बढ़ाने की तैयारी में है. रेलवे टेंडर घोटाले मामले में लालू यादव एंड फैमिली को अभी दिल्ली की अदालत का नया फेरा भी लगा है .रबरी देबी और तेजस्वी यादव कोर्ट में हाजिर होने के लिए दिल्ली पहुँच चुके हैं.
सीबीआई ने रांची हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिए जाने का विशेष अदालत का फैसला भी ठीक नहीं था . इसलिए वह फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे रही है . जान लें, डा. जगन्नाथ मिश्रा अभी जमानत पर बाहर हैं .सीबीआई ने डा. जगन्नाथ मिश्रा के साथ ही पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद और ध्रुव भगत को बरी किए जाने के फैसले को भी चुनौती दी है . हाई कोर्ट सीबीआई की याचिका पर जल्द सुनवाई करने का फैसला करेगी .
सीबीआई ने लालू यादव के साथ देवघर मामले में और कई सजायाफ्ता की सजा बढ़ाने की अपील की है . इसमें पूर्व सांसद आर के राणा के साथ बिहार सरकार के पूर्व आईएएस अधिकारियों में फूलचंद सिंह, महेश प्रसाद के साथ सुधीर भट्टाचार्य का नाम भी शामिल है .अब सबकी नजर रांची हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी है.
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