सिटी पोस्ट लाइव :रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोप में गिरफ्तार रेनबो अस्पातल के डायरेक्टर ,एजेंट और एमआर से पूछताछ के बाद पटना के कई बड़े अस्पताल ईओयू और पुलिस के निशाने पर आ गये है.सूत्रों के अनुसार शहर के कुछ नामी गिरामी अस्पताल के भी नाम सामने आये हैं. रेनबो फार्मा नाम से इंजेक्शन खरीदने के बाद उसे उसी अस्पताल में मरीज के नाम पर दूसरे को बेच दिया जा रहा था. स्टाक के मुताबिक जो सबूत मिले हैं, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि चंद दिनों में 15 से 20 लाख रुपये की कालाबाजारी हो चुकी है.
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करनेवाला एजेंट कोई और नहीं बल्कि अस्पताल के डायरेक्टर का साला अफताब है. सूत्रों की मानें तो अल्ताफ कई लोगों के संपर्क में था. जरूरतमंद जैसे ही उसके संपर्क में आते थे, वह अस्पताल के डायरेक्टर से इंजेक्शन की डिमांड कराता था. डिमांड के मुताबिक एजेंट तक इंजेक्शन पहुंच रहा था जिसे 50 से 60 हजार रुपये में बेच दिया जाता है. सूत्रों के अनुसार अस्पताल में भर्ती मरीज या मृतक के नाम पर भी कालाबाजारी कर दी जाती थी. जिसका जिक्र स्टाक रजिस्टर में भी दर्ज कर दिया जाता है. ताकि ऑडिट में कोई गड़बड़ी नहीं मिले.
ईओयू की टीम ने जब गिरफ्तार एमआर से पूछताछ शुरू की तो उसने कुछ और अस्पताल के कर्मियों व पदाधिकारियों का नाम लिया. पुलिस उसके मोबाइल को भी जब्त कर ली है. इसमें कुछ नामी अस्पताल के लोगों का भी नाम है. पुलिस और ईओयू अब वहां के पदाधिकारी के घर कभी भी दबिश दे सकती है. कुछ जगहों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन को डंप किया गया है.
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