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बिहार में पुलिस-नक्सली गठजोड़ उजागर, उड़ गई है पुलिस महकमे की नींद

तीन कुख्यात नक्सलियों को भगाने की तैयारी, वैन में सुराख से हुआ खुलासा, पुलिस थी साजिशकर्ता

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बिहार में पुलिस-नक्सली गठजोड़ उजागर, उड़ गई है पुलिस महकमे की नींद

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में राजनेताओं-अपराधियों-नक्सलियों का गठजोड़ तो बहुत पहले सामने आ चूका था. लेकिन अब नक्सल-पुलिस गठजोड़ का मामला भी सामने आ गया है. यानी अब पुलिसवाले भी नक्सलियों के साथ गठजोड़ करने लगे हैं या फिर नक्सली पुलिस फाॅर्स में शामिल हो चुके हैं. इस बात का एक बड़ा प्रमाण सामने आया है. पुलिसवाले किस तरह से नक्सलियों से मिले हुए हैं, इस राज का खुलासा पुलिस ने ही कर दिया है.बिहार के रोहतास में नक्सलियों के खतरनाक मंसूबे को समय रहते नाकाम कर देने में पुलिस को कामयाबी मिल गई थी .लेकिन साथ ही नक्सलियों से गठजोड़ करने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान करने की बड़ी चुनौती सामने आ चुकी है.

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही रोहतास पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक कैदी वैन से तीन नक्सलियों के भागने की साजिश को विफल कर दिया था. इस संबंध में कार्रवाई करते हुए कैदी वैन के चालक तथा एक जमादार को निलंबित कर दिया गया है. रोहतास के एसपी पीके मंडल ने बताया कि कैदी वैन के फर्श को काटकर तीन नक्सली कैदियों की भगाने की साजिश थी. पुलिस ने गुप्त सूचना पर जब काम शुरू किया तो मामला सच पाया गया.

सूचना मिलते ही कैदी को लाने गए वैन को रोक दिया गया. बदले में दूसरी कैदी वैन को मंडल कारा सासाराम भेजा गया. बताया जाता है कि मंडल कारा सासाराम से डेहरी न्यायालय में कैदियों को लाने के दौरान ही एनएच के सुअरा के पास तीन नक्सलियों को भगाने की साजिश थी जिसमें पुलिसकर्मियों की भी संलिप्तता थी.एक साजिश के तहत कैदी वैन के सीट के नीचे लोहे के फर्श को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. उसी से कैदियों को भगाने की योजना थी. पुलिस को अपने सूत्रों से इस साजिश का पता चला तो कार्रवाई तेज करते हुए उक्त कैदी वाहन को रोक दिया गया वहीं समय रहते दूसरे कैदी वाहन से कैदियों को लाया गया और एक बड़ी साजिश को विफल कर दी गई.

पुलिस महकमें की नींद उड़ गई है. अब पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि किस स्तर पर बिहार नक्सली-पुलिस गठजोड़ काम कर रहा है. कहीं नक्सल ही पुलिस में तो नहीं घुस गए हैं.पुलिस महकमा इस मामले को लेकर खासा गंभीर है. पुलिस के एक जमादार और उनके चालक को निलंबित कर दिया गया है. सार्जेंट मेजर से कारण पूछा गया है. गौरतलब है कि एक कैदी वैन का पीछा कर रहे दो संदिग्ध बाइक सवारों को पुलिस ने हिरासत में लिया था. संभवत: उन्हीं दोनों से पूछताछ के बाद इस साजिश का खुलासा हो पाया.अब ये पता किया जा रहा है कि किस स्तर तक नक्सलियों की पुलिस में घुसपैठ हो चुकी है.

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