City Post Live
NEWS 24x7

बिहार के डीजीपी का एक दिन में 6 जिलों का तूफानी दौरा

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

बिहार के डीजीपी का एक दिन में 6 जिलों का तूफानी दौरा.

सिटी पोस्ट लाइव : एक रात, एक दिन, 6 जिलों का दौरा. आपके जेहन में ये सवाल जरुर उठ रहा होगा कि हम आपको किसी बड़े नेता के तूफानी चुनावी दौरे के बारे में बताने जा रहे हैं जो उड़न खटोले पर सवार होकर एक दिन में कई जिलों को धांग आता है. लेकिन ये एक दिन एक रात में 6 जिलों का ये तूफानी दौरा किसी नेता ने नहीं बल्कि बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने की है.पटना से आधी रात में निकले .सुबह सुबह खगड़िया के मानसी थाने पहुँच गए.रात भर ड्यूटी बजाने वाले सिपाही –थानेदार अभी तैयार भी नहीं हो पाए थे और सामने डीजीपी साहब हाजिर थे.

खगड़िया जिले के मानसी थाने का निरीक्षण करने के बाद सुबह सात बजे डीजीपी साहब पहुँच गए सहरसा. थाने में डीजीपी के पहुँचने की खबर मिली तो एसपी –डीआइजी साहब भी गिरते-पड़ते थाने पहुँच गए. तबतक डीजीपी साहब थाने का हालचाल जान चुके थे. स्टेशन डायरी खंगाल चुके थे और थानेदार को नसीहत और चेतावनी मिल चुकी थी. डीआइजी-एसपी के आने के बाद डीजीपी साहब निकल गए उनके साथ जिला पुलिस मुख्यालय. शुरू हो गई जिले के तमाम अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक.किसी को अच्छा काम के लिए शाबाशी मिली तो किसी को फटकार और सुधर जाने की चेतावनी.

सहरसा से निकले तो तुरत पहुँच गए डीजीपी साहब सुपौल .यहाँ पहले से अधिकारी तैनात थे. उन्हें पता था साहब कोशी के तूफानी दौरे पर हैं कभी भी पहुँच सकते हैं. यहाँ डीजीपी साहब के पहुँचते ही बैठक शुरू हो गई.यहाँ से मीटिंग कर डीजीपी साहब निकल पड़े अररिया जिला. वहां भी एसपी ,डीएसपी और तमाम पुलिस अधिकारियों से बैठक की. उन्हें किसी भी हाल में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के टिप्स और नसीहत देकर निकल पड़े पूर्णिया की तरफ. डीजीपी साहब के तूफानी दौरे की पल पल खबर ले रहे अधिकारी यहाँ पहले से ही मीटिंग के लिए तैयार थे. यहाँ भी कईयों को शाबासी मिली तो कईयों को फटकार. यहाँ से डीजीपी साहब निकल गए कटिहार .खबर के अनुसार शाम तक कटिहार में डीजीपी बैठक करते रहे.

एक पुलिस अधिकारी ने सिटी पोस्ट संवाददाता से अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा-“ रात भर और दिनभर में 6 जिले धांग चके हैं साहब. शाम तो कटिहार में हुई है.यहाँ भी मीटिंग हो चुकी है लेकिन किसी को नहीं पता कि रात में यहाँ रुकेगें, या जायेगें. कहाँ जायेगें, क्या करेगें सब अनजान हैं.अगर रात में ठहरे तो किस थाने में आधी रात को पहुँच जायेगें, कोई नहीं जानता.

- Sponsored -

-sponsored-

-sponsored-

Comments are closed.