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कोर्ट परिसर में लगता है दबंग कैदियों का दरबार, पेशी के बहाने खूब उड़ाते हैं कानून की खिल्ली

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सिटी पोस्ट लाइव (सोमनाथ) : बिहार बोर्ड को देश दुनिया में बदनाम कर देनेवाला बिहार बोर्ड टॉपर घोटाले का मास्टरमाइंड बच्चा राय जेल में रहते हुए भी अपना दरबार लगा रहा है. बच्चा राय को जब भी दरबार लगाना होता है, वह कोर्ट में पेशी के बहाने पहुँच जाता है.कोर्ट की हाजत में इंतज़ार करने की बजाय वह कोर्ट के बाहर  चाय नाश्ते की दूकान पर बैठ जाता है. यहीं उसका दरबार लग जाता है. गुरुवार को करीब 1 बजे बच्चा राय कोर्ट पहुंचा. गंगा किनारे बरामदे में वह बैठ गया. उसे गर्मी से परेशानी न हो, एक टेबल फैन भी लगा दिया गया. कुछ लोग बच्चा राय को देखने के लिए तो कुछ लोग फरियाद लेकर उसके दरबार में आने लगे.

अंदर जज साहब कोर्ट लगा रहे थे और बाहर  बरामदे में बच्चा राय अपना दरबार. लोगों का दरबार में आना-जाना शुरू हो गया. कोई मुलाकात करने आता तो कोई अपनी समस्या लेकर मदद की गुहार लगाने आता.दरबार में बच्चा राय की खातिरदारी में पुलिस वाले जुटे हुए थे. कोई चाय मंगवा रहा था, कोई नाश्ता. बच्चा राय चाय नाश्ते के साथ पुलिसकर्मियों के घेरे में बैठा अपना दरबार चलाता रहा. बच्चा राय कुछ देर के लिए यह भूल गया था कि वह एक कैदी है. बच्चा राय लोगों से मिल-जुल  रहा था और उसके साथ तैनात पुलिस वाले उसकी सेवा में जुटे थे. बच्चा राय के लिए कोई मिठाई तो कोई शब्जी लेकर आ रहा था . अब बच्चा राय शब्जी और मिठाई की टोकरी लेकर जेल पहुंचेगा.

गौरतलब है कि इंटर टॉपर घोटाले की तफ्तीश में लगी पटना पुलिस की एसआईटी ने विशुनदेव राय कॉलेज (किरतपुर, हाजीपुर)  के संचालक बच्चा राय को 11 जून 2016 को गिरफ्तार किया था. इसके बाद से वह न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद है. नियमानुसार जेल से पेशी के लिए लाए गए बंदियों को कैदी वैन से उतारने के बाद कोर्ट परिसर स्थित हाजत में रखना है. वहां बाकायदा संबंधित कैदी की इंट्री से निकासी तक दर्ज होती है. पेशी के समय हाजत से कैदियों को संबंधित अदालत में ले जाया जाता है. पेशी के बाद उसे फिर  हाजत लाने के बाद कैदी वैन से वापस जेल भेजा जाता है. कैदी को जेल से कोर्ट टाक लाने और कोर्ट से जेल तक पहुंचाने के लिए  पुलिसकर्मियों की दो टीमें काम करती है. पहली टीम कैदी कैन से कोर्ट हाजत तक पहुंचाती है. फिर दूसरी टीम हाजत से कैदी को पेशी के लिए अदालत ले जाती है.लेकिन यहाँ तो कैदी खुल्लेयम नियमों की धज्जियाँ उड़ाते दीखते हैं.

कोर्ट में पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में दरबार लगाने की इस परिपाटी कितनी खतरनाक है, इसका अंदाजा लगाने के लिए कोर्ट में लगातार हो रहे हमले काफी हैं. कानून से खिलवाड़ के चक्कर में कैदी कोर्ट में मारे जा रहे हैं. कैदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही उन्हें कोर्ट हाजत में रखने का प्रावधान है.लेकिन बिहार में दबंग और पैसे वाले कैदी कोर्ट हाजत में रहने की बजाय कोर्ट परिसार में खुल्लेयाम घूमते फिरते और लोगों से मिलते जुलते नजर आते हैं.

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