सिटी पोस्ट लाइव : पटना पुलिस ने बिहार बोर्ड में फर्जी सर्टिफिकेट बनाए जाने के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है. पटना एसएसपी मनु महाराज और बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने आज एक संयुक्त संवाददाता सम्मलेन में खुलासा किया है कि किस तरह से बोर्ड के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से फेल अभ्यर्थियों को फर्जीवाडा कर पास करा दिया जाता था.इस फर्जीवाड़े को सही साबित करने के लिए बोर्ड के कर्मचारी बोर्ड के डेटा के साथ भी छेड़छाड़ करते थे और प्रमाण पत्र का फर्जी हार्ड कॉपी भी उपलब्ध करा देते थे.
टीईटी परीक्षा 2011 में फर्जी तरीके से अभ्यर्थियों को पास करने के मामले में बोर्ड के 3 कर्मियों पर FIR दर्ज कराया गया था. जिसमें दो कर्मी जटा शंकर मिश्र (सहायक) एवं अमितेश कुमार (कंप्यूटर ऑपरेटर) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि बोर्ड के पदचर रंजीत की गिरफ्तारी पुलिस जल्द कर लेगी. उन्होंने कहा कि अभी तक 16 अभ्यर्थियों के दोषी होने का मामला प्रकाश में आया है. इसमें से 3 महिला शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पटना के एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि इस मामले में एसआईटी का गठन हुआ है. एसआईटी का नेतृत्व पटना के सिटी एसपी डी. अमरकेश करेंगे. मनु महाराज ने बताया कि जांच में बोर्ड के और भी लोगों के नाम का खुलासा होगा.
इस फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर अबतक सैकड़ों लोग बिहार सरकार में नौकरी पाने में भी कामयाब हो गए होंगे. हालांकि ऐसे 16 लोगों के खिलाफ फर्जी प्रमाण पत्र इस्तेमाल कर सरकारी नौकरी लेने का मामला दर्ज किया गया था. जांच के लिए तीन अधिकारियों की एक कमिटी बनाई गई थी. पटना एसएसपी भी इस मामले की अलग से जांच कर रहे थे.पटना एसएसपी की टीम ने इस सम्बन्ध में पटना समेत राज्य के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर इस मामले में फर्जीवाडा कर प्रमाण पत्र बनवाने वाले तीन अभ्यर्थियों समेत इस फर्जीवाड़े में शामिल कुछ शिक्षकों भी गिरफ्तार किया है.बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि शिक्षक की बहाली जब निकली उसके बाद फर्जी प्रमाण बनवाने का रैकेट शुरू हुआ.शिक्षक के पद पर बहाली के लिए ये फर्जीवाडा शुरू हुआ.
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