बेगूसराय की मॉब लिंचिंग की घटना को ADG ने बता दिया है सेल्फ डिफेंस
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार पुलिस ने भीड़ द्वारा कानून को हाथ में लिए जाने और मॉब लिंचिंग को जायज ठहरा दिया है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी एके सिंघल के बेगूसराय की घटना पर दिए गए बयान से तो यहीं लगता है. एडीजी ने बेगूसराय में हुए मॉब लिंचिंग की घटना को मॉब लिंचिंग नहीं बल्कि उसे सेल्फ डिफेंस करार दे दिया है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को एक स्कूल में तीन हथियारबंद अपराधी घुसे. उसके बाद बदमाशों ने शिक्षक से एक छात्रा के बारे में पूछा. पिस्तौल दिखाते हुए स्कूल परिसर में भय का माहौल बनाया. जिसके बाद शोर सुन कर गांव वाले इकट्ठा हुए. ग्रामीणों और शिक्षकों ने छात्र को बचाने के लिए अपराधियों पर हमला बोला. अपराधी हथियार से लैस थे. ऐसे में कुछ भी हो सकता था. ऐसे में वहां मौजूद लोगों ने आत्मरक्षा में अपराधियों को मारना शुरू कर दिया. जिससे एक अपराधी की घटना स्थल पर मौत हो गयी. जबकि, दो की मौत अस्पताल में हुई. एडीजी ने कहा कि मारे गये तीनों लोगों के आपराधिक इतिहास रहा है. ऐसे में जो स्थिति बन गयी थी, उसमें बड़ी घटना हो सकती थी. ग्रामीणों ने अपनी रक्षा ने कदम उठाये. इसे किसी भी तरह से मॉब लिंचिंग नहीं कहा जा सकता है. इसलिए ये मॉब लिंचिंग नहीं सेल्फ डिफेंस माना जाना चाहिए .
गौरतलब है कि बेगूसराय जिले के छौड़ाही थाना क्षेत्र के नारायणपीपर गांव के गोरिया धर्मशाला के पास स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में शुक्रवार को हथियार से लैस अपराधियों ने छात्रा का अपहरण करने की कोशिश की थी. जैसे ही अपराधी छात्रा को लेकर भागने लगे, भीड़ ने चौतरफा घेर लिया. भीड़ के आगे हथियार से लैस अपराधियों की भी एक न चली. उसके बाद भीड़ ने तीनों को पकड़ लिया. उसके बाद बारी-बारी से पीटकर मार डाला.
अपराधी खुद को फंसते देख दहशत का माहौल पैदा करने के लिए हवाई फायरिंग भी की थी. लेकिन, इससे लोग और भड़क गये और उग्र हो गये थे. मारे गये अपराधी में एक कुख्यात अपराधी नागमणि महतो का बड़ा भाई मुकेश महतो, कुंभी गांव के ही बौना सिंह और रोसड़ा के हीरा सिंह शामिल है.लोग अपराध के खिलाफ खड़े हुए ये तो अच्छी बात है. लेकिन उनकी पिट पिट कर हत्या कर देना कैसे जायज हो सकता है. एडीजी के इस बयान से तो मॉब लिंचिंग को और बढ़ावा मिलेगा. इसका मतलब भी तो यहीं निकालता है कि पुलिस मॉब लिंचिंग का मामला दर्ज करने की बजाय कानून को अपने हाथ में लेने वाले ग्रामीणों को बहादुरी का सम्मान देगी.
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