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बेगूसराय से बड़ा साइबर ठग गिरफ्तार, ऑनलाइन ठगी से बना चूका है अकूत संपत्ति

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बेगूसराय से बड़ा साइबर ठग गिरफ्तार, ऑनलाइन ठगी से बना चूका है अकूत संपत्ति

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के बेगूसराय का एक ऐसा साईबर ठग की करतूत सामने आई है जो ऑनलाइन फौद के जरिये करोड़ों की सम्पति बना चूका है. बेगूसराय पुलिस और हिमाचल प्रदेश की शिमला पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में यह शातिर ठग गिरफ्त में आया है. पुलिस ने जिला के दुनहीं गांव में छापामारी कर साइबर क्राइम (Cyber Crime) के मास्टरमाइंड तथा मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. मोबाइल सर्विलांस के आधार पर गिरफ्तारी करने के लिए पहुंची पुलिस  ठग के घर पर लग्जरी गाड़ियां और दर्जनों एटीएम कार्ड देखकर हैरान रह गई. आलीशान मकान देख दंग रह गई पुलिस डीएसपी ने बताया कि साधारण परिवार से ताल्‍लुक रखने वाला प्रदुवन दूनहीं गांव में करोड़ों रुपये का मकान बनाया है.

पुलिस के हत्थे चढ़े ये शातिर अंतरराज्यीय ऑनलाइन ठगी गिरोह चलाते थे. इस मामले में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है. गढ़पुरा थाना पुलिस के सौजन्य से शिमला पुलिस ने दुनहीं गांव में छापेमारी कर नंदन पंडित का पुत्र प्रदुवन उर्फ करण पंडित को गिरफ्तार किया. एक अन्य युवक जो साइबर क्राइम का मास्टरमाइंड है, उसे पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से गिरफ्तार किया गया है. उसका नाम विशाल कुमार पाल है जो फिनो बैंक का एजेंट है.

साइबर क्राइम ब्रांच शिमला के डीएसपी नरवीर सिंह राठौर के अनुसार प्रदुवन के घर से एक फोर्ड कंपनी का लग्जरी कार के साथ 6500 रुपये नगद, एक लैपटॉप, आठ एटीएम, विभिन्न मोबाइल कंपनियों के 50 सिम और छह मोबाइल बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि शिमला के व्यवासाई भवन कुमार द्वारा 23 अगस्त 2019 को पुलिस स्टेशन बल, जिला मंडी में कांड संख्या 238/19 के अंतर्गत साइबर क्राइम का मामला दर्ज कराया था, जिसमें उनके पंजाब नेशनल बैंक के खाते से 24 लाख रुपये निकालने की शिकायत की गई थी. इसमें 12 लाख लोन का और 12 लाख सेविंग अकाउंट में थे.

डीएसपी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले को शिमला राज्यस्तरीय क्राइम ब्रांच को सुपुर्द कर दिया गया था. नरवीर सिंह राठौर ने प्रदुवन के ड्राइविंग लाइसेंस को भी फर्जी बताया है. शिमला पुलिस ने कई दिनों से पश्चिम बंगाल के पुरुलिया और आसनसोल में इन गिरोह के सदस्यों को पकड़ने के लिए अभियान चला रखा था. प्रदुवन लंबे अरसे से आसनसोल में ही रहता था.

डीएसपी ने बताया कि इस मामले में दिल्ली स्थित बैंक के टोल फ्री नंबर पर कस्टमर केयर का संचालन कर रहे पुनीत और रोहित नामक लड़कों ने डेटा को सप्लाई किया था. उनकी भी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है. इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद एक बड़े नेटवर्क के पर्दाफाश होने की बात बताई जा रही है. इस गिरोह से जुड़े कई और नाम सामने आने की संभावना है. पुलिस उसकी संपत्ति सीज करने के लिए भी अभियान चलाएगी. डीएसपी के मुताबिक बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में साइबर क्राइम से संबंधित बड़ा नेटवर्क फैला हुआ है जो बैंक का मैनेजर और अधिकारी बताकर ओटीपी के माध्यम से राशि को निकाल लेता है.

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