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बांका : जांच में नहीं मिले RDX या TNT के सुबूत, बम बनाने में पतली सुतली और कीलों का प्रयोग

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के बांका के नवटोलिया स्थित मदरसा-मस्जिद में हुए बम विस्फोट की घटना की जांच करने पटना से सात सदस्यीय ATS की टीम ध्वस्त मदरसा की जांच करने पहुंची थी. यही नहीं पटना -रांची के दफ्तर वाले NIA अधिकारी बांका जिला के पुलिस अधिकारी सभी ATS के संपर्क में रहकर जांच आगे बढ़ा रहे हैं. अबतक जो जांच की गई है उसके मुताबिक बम की ज्यादा संख्या को एक साथ रखने और बक्से के अंदर रखने की वजह से ये धमाका हुआ था. साथ ही सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक RDX या TNT जैसे विस्फोटक की मौजूदगी के बारे में कोई प्रमाण नहीं मिला है.

जानकारी अनुसार ATS की शुरुआती तफ़्तीश के मुताबिक पाउडर वाले दूध के डिब्बों का बम बनाने के लिए प्रयोग किया गया था.  इन देशी बमों को बनाने के बाद बक्से में रखा गया था. बम की ज्यादा संख्या को एक साथ बक्से के अंदर रखने की वजह से यह धमाका हुआ था. बम को बनाने के लिए पतली सुतली और कीलों का प्रयोग किया गया था. बताया जा रहा है कि मदरसे में बम बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. इसे लेकर झारखंड में खुफिया विभाग के अधिकारी मृतक शख्स अब्दुल मोबीन सहित कई अन्य लोगों से संबंधित जानकारी जुटा रही है.  साथ ही ट्रेनिंग देने वाले स्लीपर सेल और उस मदरसा में आने-जाने वाले कुछ संदिग्ध लोगों से जुड़े लोगों की भी तफ़्तीश कर रही है.

बता दें कि विस्फोट टाउन थाना क्षेत्र के नवटोलिया मदरसा भवन के एक कमरे के अंदर सुबह आठ बजे हुआ था. इस मामले में पुलिस ने कहा था कि प्रथम दृष्या तो यह लगता है कि जिलेटिन के कारण यह विस्फोट हुआ है. विस्फोट के समय मदरसे में दस से अधिक व्यक्ति मौजूद थे. जिस कमरे में धमाका हुआ वह कई दिनों से बंद था. धमाके को दूर-दूर तक सुना गया. पुलिस का कहना है कि विस्फोट ग्राउंड फ्लोर के एक कमरे में हुआ. इससे मदरसे की दीवारों और छत में दरार आ गई. जिस कमरे में धमाका हुआ था, कुछ देर बाद वह ढह गया. वहीं आस-पास के घरों के शीशे टूट गए.

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