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7 महीने बाद पकड़ा गया इंडिगो मैनेजर रुपेश का हत्यारा आर्यन जायसवाल

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सिटी पोस्ट लाइव : इंडिगो एयरलाइन के मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड में 7 महीने से फरार चल रहे चौथे मुख्य अभियुक्त आर्यन जायसवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने उसे तब धर दबोचा जब वह रविवार शाम पटना में वह अपनी बहन से मिलने उसके बाइपास स्थित घर जा रहा था. सोमवार को शास्त्री नगर थाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर SSP उपेंद्र कुमार शर्मा ने इस बात की पुष्टि की. रूपेश को गोली मारने वाले ऋतुराज सिंह को पटना पुलिस ने सबसे पहले पकड़ा था. फिर 70 दिन बाद सौरभ को और फिर पुलिस के बढ़ते दबाव की वजह से तीसरे अभियुक्त छोटू ने कोर्ट में खुद को सरेंडर कर दिया था.

आर्यन जायसवाल फरार चल रहा था. कभी वेस्ट बंगाल, कभी दिल्ली तो कभी हरिद्वार में अपना ठिकाना बदल-बदल कर रह रहा था. लगातार फरार रहने की वजह से 13 जून को ही पुलिस ने उसके घर की संपत्ति की कुर्की भी की. SSP ने कहा कि इस ब्लाइंड केस को ट्रेस करना काफी कठिन था. बावजूद इसके उनकी टीम ने इसे पूरा किया. पहले से जेल में बंद तीनों मुख्य अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. अब जल्द आर्यन के खिलाफ भी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी. एसएसपी ने कहा कि इस चर्चित हाईप्रोफाइल मर्डर केस का स्पीडी ट्रायल कराया जाएगा, ताकि ऋतुराज समेत सभी अभियुक्तों को जल्द से जल्द सजा मिल सके.

चार्जशीट और केस डायरी के अनुसार रितुराज को रूपेश की हत्या करने से पहले जमीन कब्जा करना था. वह अपने दोस्त साकेत भूषण से इसके लिए 10 लाख रुपए भी ले चुका था. साकेत भूषण के लिए ही उसे परशुराम कॉलोनी में जमीन कब्जा करना था. 12 जनवरी को घटना से पहले चारों अलका कॉलोनी स्थित साकेत भूषण के आवास पर भी गए थे.रूपेश 12 जनवरी की देर शाम एयरपोर्ट से अपनी कार से पुनाईचक स्थित कुसुम विलास अपार्टमेंट पहुंचे थे. उनका पीछा करते दो बाइक से पहुंचे चार अपराधियों ने उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. पुलिस ने 2 फरवरी को रितुराज और 24 मार्च को सौरभ उर्फ खरहा को गिरफ्तार किया. 5 अप्रैल को तीसरे आरोपी पुष्कर उर्फ छोटू ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था.

12 जनवरी की देर शाम को इंडिगो मैनेजर की गोली मारकर हत्या उस वक्त कर दी गई थी, जब वह पटना एयरपोर्ट से ड्यूटी खत्म कर पुनाइचक स्थित अपने घर पहुंचे थे. अपार्टमेंट के बाहर में ही उन्हें गोली मारी गई थी. SSP का दावा है कि ऋतुराज जिस बाइक पर था, उसे आर्यन ही चला रहा था. सौरभ जिस बाइक पर था, उसे छोटू चला रहा था. आर्यन और ऋतुराज की दोस्ती रूपेश की हत्या से महज 6 से 7 महीने पहले की ही थी. आर्यन एक शातिर बाइक चोर है. जब उसकी दोस्ती ऋतुराज से हुई, तो उसी के साथ रहने लगा था.

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