सिटी पोस्ट लाइव : गोपालगंज सदर अस्पताल में लापरवाही की वजह से जहा 4 दिन के नवजात की मौत हो गयी. वही मौत से गुस्साए परिजनों ने सदर अस्पताल के महिला वार्ड और लेबर वार्ड में जमकर तोड़फोड़ की. परिजनों का हंगामा तब और बढ़ गया जब मौके पर पहुची पुलिस ने दोषी कर्मिओ से पूछताछ करने बजाये परिजनों की पिटाई कर दी. पिटाई से नाराज परिजनों ने दोबारा हंगामा शुरू कर दिया. मामला कुचायकोट के हेमबरदाहा से आई महिला प्रसूता से जुड़ा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक कुचायकोट के हेमबरदाहा निवासी गुड्डू कुमार की पत्नी सविता देवी को 20 अगस्त को सदर अस्पताल के महिला वार्ड में भर्ती कराया गया. महिला को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने नार्मल डिलीवरी के लिए ढाई हजार रूपये की मांग की. पीडिता के भाई उपेन्द्र कुमार के मुताबिक जब नर्स को पैसे दे दिए गए तब उनकी बहन को नार्मल कराया गया. लेकिन डिलीवरी के दौरान नवजात बच्चे का कई जगह हाथ में फ्रैक्चर आ गया था. जिस लापरवाही की शिकायत सिविल सर्जन से लेकर स्थानीय विधायक और हर जगह की गयी. लेकिन शिकायत के बावजूद नवजात बच्चे का इलाज सही ढंग से नहीं किया गया. और न ही दोषी कर्मिओ के खिलाफ कारवाई की गयी. जिसकी वजह से उनके नवजात बच्चे की आज मौत हो गयी.
मौत के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल के महिला वार्ड , लेबर वार्ड में मौजूद टेबल , कुर्सी , खिड़की और दरवाजे के शीशे तोड़ दिए. टेबल उलट दिए और कागजात को भी बिखेर दिए. परिजनों ने खुद तोड़फोड़ की बात स्वीकार की है. वही महिला वार्ड प्रभारी नर्स रीता देवी के मुताबिक परिजनों ने उसके साथ मारपीट नहीं की है. लेकिन ऑफिस और अपस्ताल में तोड़फोड़ करते हुए सभी सरकारी कागज बिखेर दिए है.
अब बड़ा सवाल है की आखिर परिजनों के शिकायत के बावजूद सीएस या अस्पताल प्रबंधन ने समय पर एक्शन क्यों नहीं लिया. आरोपी नर्स या ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक से पूछताछ क्यों नहीं की. सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज होने का दावा करने के बावजूद आखिर इतने पैसे खर्च करने को क्यों मजबूर हुए परिजन. नवजात बच्चे की मौत के जिम्मेदार कर्मिओ पर क्या होगी कारवाई.
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