हत्या का आरोपी अगर VIP हो तो पटना पुलिस उसके साथ कैसा करती है बर्ताव, जानिये
आरोपियों को पटना पुलिस ने पूछताछ के बाद थाने से छोड़ दिया ,आम आदमी होता तो क्या होता?
सिटी पोस्ट लाइव : पटना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है. दरअसल, मामला है जिम ट्रेनर विक्रम सिंह पर गोली चलाने का. इस मामले में आरोपी बनाए गये फेमस फिजियोथेरेपिस्ट व जेडीयू चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार सिंह और उनकी पत्नी खुशबू सिंह के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. गौरतलब है कि कदमकुआं थाना में FIR दर्ज हुई है. पटना पुलिस ने जिम ट्रेनर विक्रम सिंह पर गोली चलाने के मामले में फेमस फिजियोथेरेपिस्ट व जेडीयू चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार सिंह और उनकी पत्नी खुशबू सिंह को थाने भी बुलाया लेकिन छोड़ दिया. पुलिस का कहना है कि पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ा गया है.
सवाल ये उठता है कि क्या आरोपी अगर कोई आम आदमी होता तो भी क्या पुलिस use केवल पूछताछ कर छोड़ देती? नहीं , बिलकुल नहीं.जांच से पहले ही उसकी ऐसी खातिरदारी कर देती कि वह जीवन भर नहीं भूलता.लेकिन जब आरोपी ख़ास व्यक्ति हो तो पटना पुलिस की कारवाई का तरिका भी ख़ास हो जाता है.नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई थी , पुलिस आरोपी डॉक्टर को उठा कर थाने भी लाई. लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. बताया गया कि जरूरत पड़ी तो फिर से पूछताछ के लिए लाया जाएगा.
गौरतलब है कि शनिवार की सुबह कदमकुआं के बुद्धमूर्ति के पास अपराधियों ने जिस जिम ट्रेनर विक्रम सिंह को 5 गोली मारी थी.
गंभीर रूप से घायल विक्रम ने बयान में फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. राजीव कुमार सिंह और उनकी पत्नी खुशबू सिंह का नाम लिया है. कदमकुआं थाना की पुलिस को दिए अपने बयान में विक्रम ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने जान से मारने की धमकी दी थी. घर से निकला तो रास्ते में खड़े दो अपराधियों ने दोनों तरफ से फायरिंग कर दी.शनिवार की देर रात ही आरोपी डॉक्टर राजीव सिंह व पत्नी को छोड़ दिया गया. इसकी पुष्टि थानेदार विमलेंदु ने भी कर दी है. थानाध्यक्ष के अनुसार फिजियोथेरेपिस्ट पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. यह FIR गंभीर रूप से घायल जिम ट्रेनर विक्रम के बयान पर दर्ज किया है. कई घंटे की पूछताछ के बाद डॉक्टर और उनकी पत्नी को छोड़ दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार जांच में कई तरह के खुलासे हुए हैं. डॉ. की पत्नी खूशबू और जिम ट्रेनर विक्रम के संबंधो से पर्दा उठा है. दोनों देर रात तक फोन पर बातें करते थे. घायल विक्रम के जब्त मोबाइल से इस बात का खुलासा हुआ है कि बीते तीने माह में दोनों के बीच 1100 बार बता हुई है. इनमें अधिकांश कॉल 30 से 40 मिनट के हैं. शुरुआती जांच में पुलिस को इस बात के भी सबूत मिले हैं कि इस साल 18 अप्रैल को पहली बार डॉ. राजीव ने कॉल कर विक्रम से बात की थी. उसी दरम्यान उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी थी. पुलिस के अनुसार मोबाइल में कई चीजें डिलिट कर दी गई है. जिन्हें रिकवर करने की कोशिश की जा रही है.
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